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इजरायल-हमास युद्ध को लेकर कई मुस्लिम देश पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ खुलकर जंग लड़ रहे हैं। ईरान और लेबनान के बाद तुर्की भी इनमें से एक है। तुर्की का आरोप है कि इजरायल अपने लोगों को वहां भेजकर जासूसी करा रहा है। मदर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने मोसाद की मंशा को नाकाम कर दिया है। तुर्की के अधिकारियों ने इजरायल के लिए तथाकथित रूप से जासूसी करने के संदेह में 33 लोगों को हिरासत में भी लिया है। तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी अनादोलु की खबर के अनुसार अधिकारी अब भी 13 उन अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं जिनके बारे में समझा जाता है कि उनके संबंध इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से हैं।
तुर्की का दावा है कि इजरायल खुफिया एजेंसी ने इन जासूसों को भेजा था। मगर उनकी मंशा पूरी नहीं होने दी जाएगी। तुर्की ने 33 जासूसों को हिरासत में लेकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सख्त संदेश दिया है। वहीं इन जासूसों के पकड़े जाने पर मोसाद की तथाकथित प्लानिंग ध्वस्त होती दिख रही है। तुर्की का दावा है कि अभी और भारी संख्या में जासूस उनके देश में छिपे हुए हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। तुर्की की एजेंसी के अनुसार एजेंसी के अनुसार इन संदिग्धों को इस्तांबुल और सात अन्य प्रांतों में छापे के दौरान हिरासत में लिया गया।
सोशल मीडिया के जरिये पकड़े गए जासूस
तुर्की समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक इन संदिग्धों को कथित तौर पर तुर्किये में रहने वाले फलस्तीनियों के साथ-साथ उन लोगों की जासूसी करने के लिए भर्ती किया गया था जो इजरायली सरकार का विरोध करते हैं। खबर के अनुसार कि इजरायली अधिकारियों ने कथित तौर पर सोशल मीडिया के जरिए इन संदिग्धों से संपर्क किया था। इसी वजह से ये जासूस पकड़े भी गए। (एपी)
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