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JioSpaceFiber: रिलायंस जियो जल्द आपके घरों तक बिना किसी तार के सुपरफास्ट इंटरनेट पहुंचाएगा। पिछले साल आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2023) में जियो ने अपनी इस सर्विस का डेमो दिया था। कंपनी को अब इस सैटेलाइट बेस्ड सुपरफास्ट इंटरनेट सर्विस के लिए भारतीय नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) और दूरसंचार विभाग से अप्रूवल मिलने वाला है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सबसे ज्यादा यूजर्स वाली टेलीकॉम कंपनी ने इससे संबंधित सभी दस्तावेज अप्रूवल के लिए जमा कर दिए हैं। जियो के अलावा एयरटेल भी इस सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस के लिए ब्रिटेन की कंपनी वनवेब (OneWeb) के साथ साझेदारी कर चुकी है। वहीं, एलन मस्क की कंपनी SpaceX भी इस सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत में लॉन्च करने की तैयारी में है।
बिना तार के रॉकेट की स्पीड में इंटरनेट
रिलायंस जियो ने अपनी इस इंटरनेट सर्विस का नाम जियो स्पेस फाइबर रखा है। जियो पहले से ही देश के कई शहरों और गावों में JioFiber और JioAirFiber जैसी सर्विस मुहैया करा रहा है। इस नई सर्विस के लॉन्च होने के बाद दूर-दराज के गावों में भी सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जा सकेगा। कंपनी का दावा है कि यह भारत की पहली गीगाबिट सैटेलाइट कनेक्टिविटी सर्विस होगी, जिसमें 1Gbps यानी 1024Mbps तक की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस किया जा सकेगा।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 के दौरान जियो ने घोषणा की थी कि इस सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को सबसे पहले गुजरात के गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ के कोरबा, उड़ीसा के नबरंगपुर और असम के ओएनजीसी-जोरहाट में पहुंचाया जाएगा। इन सभी दूरस्थ क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाना लगभग नामुमकिन है। इस सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदल सकती है और सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के संकल्प को पूरा करने में सहायक हो सकती है।
Jio Space Fiber (IMC 2023)
JioFiber और JioAirFiber से कैसे है अलग?
जियो फाइबर (JioFiber) और जियो एयर फाइबर के जरिए इंटरनेट पहुंचाने के लिए टेलीकॉम कंपनी को ऑप्टिकल फाइबर बिछाना पड़ता है, लेकिन स्पेस फाइबर के लिए जियो को ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की जरूरत नहीं होगी। जियो फाइबर सर्विस के लिए यूजर्स के घरों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाया जाता है, जबकि एयरफाइबर के लिए मोबाइल टॉवर तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाना पड़ता है।
एयरफाइबर (JioAirFiber) सर्विस में नजदीकी मोबाइल टावर से सिग्नल प्राप्त करने के लिए यूजर के घरों की छतों या दीवारों में एक रिसीवर लगाना होता है। फिर इस रिसीवर से घर तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए वायर लगाया जाता है।
जियो स्पेस फाइबर JioSpaceFiber) के जरिए इंटरनेट पहुंचाने के लिए टेलीकॉम कंपनी को कहीं भी तार लगाने की जरूरत नहीं होगी। यूजर अपने घर में रिसीवर रखकर सुपरफास्ट इंटरनेट को एक्सेस कर सकेंगे। जियो ने स्पेस फाइबर सर्विस के लिए लग्जमबर्ग बेस्ड सैटेलाइट टेलिकॉम्युनिकेशन नेटवर्क प्रोवाइडर SES (Société Européenne des Satellites) के साथ साझेदारी की है। गीगाबिट इंटरनेट के लिए जियो का रिसीवर मीडियम अर्थ सैटेलाइट (MEO) का इस्तेमाल करेगा।
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