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नई दिल्लीः भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर आगामी 23 मार्च से 5 दिनों की विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह सिंगापुर, फिलीपीन और मलेशिया यात्रा करेंगे। जयशंकर की इस यात्रा का उद्देश्य भारत और इन देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और ‘आपसी चिंता’ के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है। इस बात की संभावना है कि जयशंकर पहले सिंगापुर जाएंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को इस बाबत एक शेड्यूल उनकी यात्रा को लेकर जारी किया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के निमंत्रण पर 23 से 27 मार्च तक सिंगापुर, फिलीपीन और मलेशिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा तीन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी और आपसी चिंता के क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत का अवसर भी प्रदान करेगी।’’ जयशंकर के तीनों देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत में दक्षिण चीन सागर और लाल सागर सहित रणनीतिक जलीय क्षेत्र की समग्र स्थिति पर चर्चा करने की उम्मीद है।
दक्षिण चीन सागर को लेकर चिंता
गौरतलब है कि हाइड्रोकॉर्बन के विशाल स्रोत माने जाने वाले दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता के चीन के व्यापक दावों को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ रही हैं। वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई सहित क्षेत्र के कई देश दक्षिण चीन सागर पर अपना-अपना दावा करते हैं। भारत और कई अन्य लोकतांत्रिक देश विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर यूएनसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन) के पालन के लिए दबाव डालते रहे हैं। भारत और फिलीपीन के बीच पिछले कुछ वर्षों में रक्षा तथा रणनीतिक संबंध बढ़े हैं। (भाषा)
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