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H-1B Visa: अमेरिका की 2,100 से अधिक छोटी और मझोले आकार की आईटी कंपनियों के एक संघ ‘आईटीसर्व’ ने अमेरिकी सांसदों से एच-1बी कोटा को मौजूदा के 65,000 से दोगुना करने का आग्रह किया है। इस संघ में शामिल ज्यादातर कंपनियों का स्वामित्व भारतीय-अमेरिकियों के पास है। आईटीसर्व का कहना है कि देश में कुशल श्रमबल की भारी कमी है और इसके लिए एच-1बी वीजा का कोटा बढ़ाने की जरूरत है। एच-1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को ऐसे पदों पर नियुक्ति की अनुमति देता है जिनके लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
पहली बार हुआ ऐसा
आईटी कंपनियां हर साल इसके जरिये भारत और चीन से हजारों पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं। आईटीसर्व के 240 से अधिक सदस्य मंगलवार को पहली बार व्यक्तिगत रूप से अमेरिका की राजधानी में जुटे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी सांसदों और सीनेट के सदस्यों से मुलाकात कर कुशल श्रमबल की कमी की जानकारी देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक कुशल श्रमबल की कमी उनके कारोबार को प्रभावित कर रही है। आईटीसर्व एच-1बी वीजा के कोटा को 65,000 से बढ़ाकर 1,30,000 सालाना करने के अलावा अमेरिका में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) की शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की भी मांग करेगा, जिससे देश में ही अत्यधिक कुशल श्रमबल तैयार किया जा सके।
दिखेगी आईटी फील्ड में ग्रोथ
उन्होंने कहा कि आईटी निर्यात वृद्धि का पिछला अनुमान आठ से 12 प्रतिशत का था लेकिन इस कदम से आईटी निर्यात की वृद्धि 13-15 प्रतिशत तक रह सकती है। एच-1बी वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी श्रमिकों को खास तरह के व्यवसायों में काम करने के लिए अपने यहां बुलाती हैं। यह वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है। हालांकि इसके नवीनीकरण के लिए विदेशी कामगार को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास जाना होता है। यह उनके लिए एक बड़ी असुविधा होती है क्योंकि वीजा के लिए 800 दिन या उससे भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ जाता है।
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