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अंतरराष्ट्रीय मुद्र कोष यानी आईएमएफ का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था की तेज गति आने वाले वर्षों में जारी रहेगी। यह वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है। आईएमएफ द्वारा पहले ये 6.3 प्रतिशत निर्धारित किया गया था। वैश्विक संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में ये जानकारी दी गई। आईएमएफ द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान में भी 0.40 प्रतिशत को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि यह अभी भी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए अनुमान से 7.3 प्रतिशत से कम है।
घरेलू मांग मजबूत
आईएमएफ की ओर से बयान में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मजबूत घरेलू मांग रहने के कारण संस्था द्वारा पहले के मुकाबले विकास दर में 0.2 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचास ने एक ब्लॉग में लिखा है कि मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट और वृद्धि दर बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ यानी अब चक्रीय नरमी से बाहर निकलने की ओर है। लेकिन विस्तार की गति धीमी बनी हुई है और आगे समस्या बनी रह सकती है। उन्होंने कहा कि कई अर्थव्यवस्थाओं में मजबूती दिख रही है। ब्राजील, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर में तेजी है।
आरबीआई का अनुमान
हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दिए संबोधन में कहा था कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 25 में भारत की जीडीपी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आगे उन्होंने कहा कि हमारी रिसर्च टीम फरवरी में आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी के एसिसमेंट तैयार कर रही है। इसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेज है।
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