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ITR Filing Mistakes: ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। ऐसे में अगर आप आज या इन शेष दिनों में अपना आयकर रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ कॉमन मिस्टेक करने से जरूर बचें। आईटी डिपार्टमेंट अब टैक्स रिकॉर्ड को काफी बारीकी से चेक करने लगा है। डिपार्टमेंट के सिस्टम में कई बार गलतियां दिखती हैं, जिनमें कुछ तो कैलकुलेशन की वजह से और कुछ सीरियस नेचर की होती हैं। जिनपर डिपार्टमेंट 300 फीसदी की पेनल्टी लगा सकता है। आयकर विभाग आपकी छोटी-छोटी गलतियों को मार्क करता है और नोटिस भेज देता है। ऐसे में अगर आप रिटर्न फाइल करने के बाद नोटिस पाना नहीं चाहते हैं तो सावधानी से रिटर्न फाइल करें। हम आपको उन 5 गलतियों से बचने की सलाह दे रहे हैं।
1. ब्याज आय की जानकारी नहीं देना
टैक्सपेयर्स कई बार एफडी, आरडी, टैक्स सेविंग डिपॉजिट स्कीम, सेविंग अकाउंट डिपॉजिट इन्फ्रास्ट्रकचर बांड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को रिटर्न फाइल करते वक्त नहीं भरते हैं। टैक्सपेयर्स को लगता है कि इनके इंटरेस्ट पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता है और रिटर्न में इनके बारे में जानकारी देना जरूरी नहीं है। सेक्शन 80टीटीए के अनुसार, केवल सेविंग अकाउंट पर 10 हजार रुपए तक के इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं लगता है। हाई इनकम वाले टैक्सपेयर्स एफडी पर 10 फीसदी टीडीएस डिडक्ट होने की जानकारी भरते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता है। ऐसे टैक्सपेयर्स को एफडी पर जितना टीडीएस काटा गया है, उसके बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए।
2. एफडी की जानकारी छुपाना
कई बार टैक्सपेयर्स एक ही बैंक की कई ब्रांचों में अलग-अलग एफडी अकाउंट खोल लेते हैं। उनको लगता है कि इससे टीडीएस नहीं कटेगा। लेकिन ऐसा नहीं होता है, क्योंकि आईटी डिपॉर्टमेंट के पास आपके सभी तरह के अकाउंट्स की जानकारी पहले से ही होती है। अगर आपने अपने सभी टीडीएस अकाउंट पर मिले इंटरेस्ट के बारे में जानकारी नहीं दी है तो इस पर पेनल्टी लग सकती है। इसलिए रिटर्न फाइल करने से पहले टैक्सपेयर को अपना फॉर्म 26 एएस जरूर देखना चाहिए।
3. प्रॉपर्टी पर टीडीएस जमा नहीं करना
अगर आपने पिछले वित्त वर्ष में 50 लाख रुपए या उससे ज्यादा की रेजिडेंश्यिल प्रॉपर्टी खरीदी है और उस पर एक फीसदी टीडीएस एक हफ्ते के अंदर जमा नहीं किया तो आपको नोटिस भेजा जाएगा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। एनआरआई द्वारा ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने पर 30 फीसदी टीडीएस देना होगा। इसके अलावा अगर आपका फॉरेन में किसी बैंक में अकाउंट है या कोई प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसकी जानकारी छुपाने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।
4. पिछली कंपनी की सैलरी नहीं बताना
आपने पिछले वित्त वर्ष में जॉब बदली है लेकिन वहां मिल रही सैलरी के बारे में रिटर्न में कोई जानकारी नहीं भरी है तो भी आपको आईटी डिपॉर्टमेंट नोटिस भेज सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि न तो आपने सैलरी के बारे में जानकारी दी है और न ही टीडीएस के बारे में बताया है। यह याद रखिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपके हर अकाउंट में होने वाले ट्रांजैक्शन के बारे में पूरी जानकारी होती है। इसलिए आप पुरानी कंपनी से मिली सैलरी के बारे में भी जरूर बताएं।
5. फॉर्म 15 जी या 15 एच का गलत इस्तेमाल
फॉर्म 15 जी और एच एक तरह का डिक्लेरेशन फॉर्म होता है जो कि टैक्स छूट से कम इनकम वालों को भरकर के देना होता है। फॉर्म 15 जी 60 साल से नीचे उम्र वाले लोगों को भरना होता है, जिनकी सैलरी टैक्स छूट के बराबर होती है। फॉर्म 15 एच सीनियर सिटीजन को भरना होता है। अगर आपने इस फॉर्म का गलत तरीके से प्रयोग किया या कोई ऐसी जानकारी दी जो चेक करने के दौरान गलत पाई गई तो आपको जेल भी हो सकती है।
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