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धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) कोर्ट ने जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य रिपोर्टों से यह संकेत नहीं मिला कि गोयल को जमानत देने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा और उन्हें पहले ही उनकी पसंद के अस्पताल में सर्वश्रेष्ठ संभव इलाज मिल रहा है। धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामलों के विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने 10 अप्रैल को 74 वर्षीय कारोबारी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
सितंबर 2023 में ED ने किया था गिरफ्तार
याचिका इस आधार पर दायर की गई थी कि गोयल कई जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं। इससे पहले अदालत ने फरवरी, 2024 को गोयल की अंतरिम जमानत खारिज कर दी थी, जब गोयल ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वे केंसर से पीड़ित हैं। अदालत ने हालांकि, उन्हें मनपसंद अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी। गोयल ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद से अपने स्वास्थ्य में गिरावट का हवाला देते हुए जमानत के लिए एक और याचिका दायर की थी। गोयल को सितंबर, 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज (अब बंद) को दिए गए 538.62 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी की।
नरेश गोयल ने ऐसे खड़ा किया था कारोबार
साल 1967 में नरेश गोयल 18 साल की उम्र में पटियाला से दिल्ली आए थे। उस समय उनका परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। गोयल अपने परिवार को इस गरीबी से निकालना चाहते थे। उन्होंने कनॉट प्लेस की एक ट्रैवल एजेंसी में नौकरी की, जो उनके चचेरे नाना चला रहे थे। गोयल को यहां 300 रुपये महीने सैलरी मिलती थी। यहां उन्होंने ट्रैवल एजेंसी के बारे में काफी समझा और धीरे-धीरे इस इंडस्ट्री में आगे बढ़ने लगे। चार साल बाद ही साल 1973 में नरेश गोयल ने खुद की ट्रैवल एजेंसी खोल ली। इसे उन्होंने जेट एयर नाम दिया। तब लोग उनका मजाक उड़ाते थे कि देखो अपनी ट्रैवल एजेंसी का नाम एयरलाइन कंपनी जैसा रखा है। तब गोयल कहा करते थे कि एक दिन वह खुद की एयरलाइन कंपनी भी जरूर खोलेंगे।
2019 में बंद हो गई थी जेट एयरवेज
कई साल की मेहनत के बाद आखिर वह दिन भी आ गया जब उन्होंने अपनी एयरलाइन कंपनी खोली। साल 1991 में नरेश गोयल ने एयर टैक्सी के रूप में जेट एयरवेज की शुरुआत कर दी। साल 2007 में एयर सहारा को टेकओवर करने के बाद 2010 तक जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी एयरलाइन थी। लेकिन बाद में कंपनी की मुसीबतें बढ़ने लगीं। मार्च 2019 में उन्हें अपने पद से हटना पड़ा और उसी साल जेट एयरवेज का परिचालन भी बंद हो गया।
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