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चॉकलेट बनाने वाली कंपनी बैरी कैलेबाउट समूह और प्रौद्योगिकी कंपनी बुहलर सहित स्विट्जरलैंड की कई कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की मंत्री हेलेन बडलिगर ने यह बात कही। बडलिगर ने कहा कि एचईएसएस ग्रीन मोबिलिटी का इरादा 2025 तक भारत में लगभग 3,000 इलेक्ट्रिक बसों का विनिर्माण करने का है। इसके लिए अगले छह से आठ वर्षों में 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा।
चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट बड़े निवेश को तैयार
उन्होंने बताया कि चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा। इसी तरह प्रौद्योगिकी समूह बुहलर अगले दो से तीन साल में 2.3 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत में निवेश करने की इच्छुक कई स्विस कंपनियों के बारे में पता है। इनकी सूची बहुत लंबी है, लेकिन उनमें से कुछ के नाम साझा करने की खुशी है।कई छोटी स्विस कंपनियां हैं, जो भारतीय बाजार में आना चाहती हैं।”
हाल ही में हुआ है मुक्त व्यापार समझौता
भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए ने 10 मार्च को एक व्यापार समझौते – व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इन देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस समझौते में भारत को समूह के सदस्य देशों से 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है। स्विट्जरलैंड ने कहा है कि टीईपीए के लिए संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर टीईपीए पर बातचीत कर रहे थे।
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