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हाइलाइट्स
मानसून का सीजन सुहावना भले ही लगे, लेकिन इसकी शुरुआत कई बीमारियां और संक्रमण को लाती है.
इस सीजन में कीटाणु और जीवाणु से निपटने के लिए हल्दी, अदरक, तुलसी जैसे हर्ब्स बेहद कारगर होते हैं.
Herbs for Monsoon: मई-जून की गर्मी झेलने के बाद बेशक मानसून का सीजन सुहावना लगे, लेकिन एहतियात बरतना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस सीजन की शुरुआत कई बीमारियां और संक्रमण को लाती है. बरसात के सीजन में ही कीटाणु और जीवाणु के पनपने का भी खतरा अधिक रहता है. इससे हैजा, टाइफाइड, डेंगू बुखार, मलेरिया और हेपेटाइटिस ए संक्रमण आदि फैलने की स्थिति प्रवल हो जाती है. यह सीजन स्किन और बालों के लिए भी नुकसानदायक होता है, क्योंकि बालों में गीलापन और नमी रहने से त्वचा आदि पर भी संक्रमण आदि का खतरा रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ घरेलू जड़ी-बूटियां (हर्ब्स) भी इन समस्याओं से निजात दिला सकती हैं. आइए बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य डॉ. जितेंद्र शर्मा से जानते हैं बरसात में होने वाली बीमारियों को दूर करने वाली हर्ब्स के बारे में-
मानसून के लिए 4 खास जड़ी-बूटी
तुलसी: हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली तुलसी सेहत के लिए फायदेमंद होती है. बता दें कि, आयुर्वेद में तुलसी की पत्तियों को ‘प्रकृति की मातृ औषधि’ भी कहा जाता है. इसके शरीर को विभिन्न औषधीय लाभ मिलते हैं. बेशक तुलसी का स्वाद गर्म और कड़वा होता हो, लेकिन यदि आप नियमित तुलसी के पत्तियों का सेवन करते हैं, तो इससे बरसात के दिनों में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
हल्दी: आयुर्वेद में हल्दी का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है. इसके नियमित सेवन से इम्यून पावर को बढ़ावा मिलता है. इस जड़ी-बूटी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं. हल्दी का इस्तेमाल अस्थमा, ब्रोन्कियल हाइपरएक्टिविटी, एलर्जी, एनोरेक्सिया, गठिया, डायबिटीज के घाव, नाक बहना इत्यादि परेशानी को कम की जा सकती है.
त्रिफला: आयुर्वेद में त्रिफला के कई लाभों का जिक्र किया गया है. त्रिफला आमलकी (आंवला), बिभीतकी (बेहड़ा) और हरीतकी (हरड़ा) का संयोजन होता है. इसका इस्तेमाल करने से सिरदर्द, अपच और कब्ज जैसी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. त्रिफला पाचन क्षमता में भी सुधार करता है, जो मानसून के दौरान धीमी हो जाती है. इसमें मौजूद आंवला विटामिन सी का अच्छा स्रोत है जो सर्दी की गंभीरता को कम करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है.
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अदरक: आयुर्वेद के मुताबिक, अदरक का सही इस्तेमाल शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने के लिए काफी है. यह अपने प्राकृतिक उपचार और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाले गुणों के लिए जानी जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक है. बता दें कि, अदरक में एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण भी मौजूद होते हैं. इसका सेवन करने से गले की खराश से तुरंत राहत मिलती है और सामान्य सर्दी और फ्लू के लिए जिम्मेदार राइनोवायरस को भी रोकने में मदद है.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : July 04, 2023, 12:05 IST
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