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सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व ‘चैती छठ’ (Chaiti Chhath Puja 2024) इस बार 12 अप्रैल यानी शुक्रवार से शुरू हो चुकी है। और इसका समापन 15 अप्रैल को होगा। आपको बता दे, सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ’ (Chaiti Chhath Puja) पूजा के दौरान महिलाएं परिवार की सुख, शांति और समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। बल्कि कड़े नियमों का पालन भी करना पड़ता है। आइए जानें काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से कुछ नियमों के बारे में-
इन बातों का रखें ध्यान
1- ज्योतिषियों की मानें तो यह पर्व स्वच्छता का पर्व है। इसलिए इसमें व्रती महिलाओं को स्वच्छता का खास ख्याल रखना चाहिए।
2- छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। इस दौरान भूलकर भी चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस पूजा में मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
3- छठ पूजा का व्रत कठिन उपवास में से एक है। इस दौरान व्रत रख रही महिलाएं इससे जुड़े सभी नियमों का पालन करती हैं। छठ पूजा से करीब 10 दिन पहले से ही लोगों को अरवा चावल, सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
4- छठी मैया का प्रसाद तैयार करने के दौरान नमक, लहसुन और प्याज का इस्तेमाल भी बिल्कुल न करें। इसके अलावा चार दिन के अनुष्ठान के दौरान घर परिवार में किसी को भी मांस का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
5- छठ पूजा का प्रसाद बेहद पवित्र होता है। इसे बनाते समय भूलकर भी इसे जूठा न करें। साथ ही इसे बनाने से पहले भी कुछ भी न खाएं। अपने हाथों को भी साफ रखें। याद रखें कि, प्रसाद बनाने वाली जगह एकदम स्वच्छ हों।
6-छठ पूजा के दौरान पूजन सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है। छठ पूजा में पूजन सामग्री के तौर पर सिंदूर, कुमकुम, आलता, पीतल या बांस का सूप, शकरकंदी, नारियल, ईख, शहद, पान, सुपारी, लौंग, कद्दू इत्यादि पूजन सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।
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