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पाकिस्तान में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जमानत दे दी है। उन्हें सरकारी गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में शुक्रवार को यह जमानत दी गई। साथ ही कोर्ट ने उनके करीबी व पूर्व मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी जमानत दे दी। डॉन अखबार की खबर के अनुसार शीर्ष अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के इन नेताओं को 10-10 लाख रुपये का मुचलका बांड भी भरने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सरदार तारिक मसूद की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने पीटीआई की याचिकाओं पर यह आदेश जारी किया। न्यायमूर्ति अतहर मिनाल्लाह और न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह पीठ में अन्य दो न्यायाधीश हैं। यह मामला इस आरोप पर आधारित है कि पिछले साल मार्च में पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजे गये राजनयिक दस्तावेज को खान (71) और कुरैशी (67) ने उचित ढंग से नहीं संभाला और उन्होंने देश की गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया। हालांकि खान जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिया गया है। संघीय जांच एजेंसी के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि खान ने यह दस्तावेज कभी लौटाया ही नहीं।
दूसरे मामलों में अभी जेल में ही रहेंगे इमरान खान
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इमरान खान को गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में जमानत दे दी हो, लेकिन अन्य मामलों में अभी भी वह जेल में ही रहेंगे। पीटीआई पहले से कहती आयी है कि इस दस्तावेज में अमेरिका की ओर से खान को प्रधानमंत्री के पद से हटाने की धमकी दी गयी थी। पिछले सप्ताह अडियाला जेल में विशेष अदालत (सरकारी गोपनीयता अधिनियम) ने नये सिरे से मामले की सुनवाई शुरू की थी। उससे पहले खान और कुरैशी को 13 दिसंबर को इस मामले में दूसरी बार अभ्यारोपित किया गया था। कुरैशी भी जेल में हैं। खान और कुरैशी को पहली बार 23 अक्टूबर को अभ्यारोपित किया गया था। दोनों ने अपना गुनाह नहीं कबूला था।
हाईकोर्ट से लगा था झटका
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अब इमरान को बड़ी राहत दी है। जबकि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। जब अडियाला जेल में सुनवाई चल रही थी और चार गवाह अपनी गवाही दे भी चुके थे। इसी बीच इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल में सुनवाई संबंधी सरकार की अधिसूचना को ‘त्रुटिपूर्ण’ करार दिया और पूरी कार्यवाही खारिज कर दी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान के अभ्यारोपण पर मुहर लगायी थी और मामला खारिज करने की उनकी गुजारिश अस्वीकार कर दी थी। उच्च न्यायालय ने साथ ही विशेष अदालत के न्यायाधीश को ‘निष्पक्ष सुनवाई’ सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था। खान को अप्रैल, 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से हटा दिया गया था। सत्ता से उनके हटने के बाद उन पर 150 से अधिक मामले दर्ज कर दिये गये। (भाषा)
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