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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खुफिया ब्यूरो (IB) की एक संवेदनशील रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि किस तरह माफिया देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे स्मगलिंग, टैक्स की चोरी, ड्रग्स के व्यापार, अवैध मुद्रा व्यापार और अफगान ट्रांजिट ट्रेड के गलत इस्तेमाल से पहले ही बदहाल देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी देते हुए कहा गया है कि इन सारी चीजों के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को हर साल सैकड़ों अरब रुपये का नुकसान हो रहा है।
असीम मुनीर ने की थी बड़ी बैठक
पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने गुरुवार को बताया कि सरकार को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि IB ‘पाकिस्तान को खतरे में डालने वाले आर्थिक आतंकवाद को रोकने के लिए क्या कर रही है।’ सरकार के लिए IB की यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि महीने की शुरुआत में, पाकिस्तान में शक्तिशाली सेना की महत्वपूर्ण भूमिका का संकेत देते हुए, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने व्यापारिक समुदाय के साथ कई बैठकें कीं, जिसमें नकदी संकट से जूझ रहे देश में अरबों डॉलर के विदेशी निवेश आमंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास का वादा किया गया था।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इन दिनों काफी बदहाल है।
पूरे पाकिस्तान में बिक रहा अवैध तेल
व्यापारिक समुदाय के साथ पाकिस्तानी जनरल की यह बैठक उच्च ईंधन और उपयोगिता बिलों तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में रिकॉर्ड गिरावट सहित जीवनयापन की बढ़ती लागत के विरोध में व्यापारियों की हड़ताल के बाद हुई थी। IB की रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले ईरान से पेट्रोलियम, तेल और लुब्रीकेंट्स उत्पादों की अवैध सप्लाई की वजह से मुल्क के खजाने को कम से कम 225 अरब रुपये का वार्षिक नुकसान हुआ। इसमें कहा गया है कि ईरान से अवैध रूप से लाए गए पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री केवल सड़क किनारे की दुकानों तक सीमित नहीं है बल्कि अब इनकी बिक्री पूरे पाकिस्तान में नियमित पेट्रोल पंपों पर हो रही है।
सप्लाई चेन पर भी IB ने रखी थी नजर
रिपोर्ट के मुताबिक, शेयर बाजार में अस्थिरता और रियल एस्टेट और पूंजी बाजार में कैपिटल गेन्स टैक्स लगाने के चलते काले धन वाले निवेशकों ने विनिमय दर के अवमूल्यन का फायदा उठाने के लिए अपनी पूंजी को विदेशी मुद्राओं की ओर मोड़ दिया।’ IB ने सप्लाई चेन पर भी नजर रखी और गेहूं तथा चीनी की जमाखोरी के साथ-साथ सप्लाई चेन को बाधित करने में हितधारकों की भूमिका की भी पहचान की। रिपोर्ट के मुताबिक, उन लोगों की भी पहचान की गयी, जो अफगानिस्तान में तस्करी कर लाये जा रहे उर्वरकों की जमाखोरी कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि IB की कार्रवाई के चलते 2.6 अरब पाकिस्तानी रुपये मूल्य के 47,222 मीट्रिक टन उर्वरक की बरामदगी हुई।
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