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पुलिस हिरासत में आरोपी अधिकारी व उसकी पत्नी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात डिप्टी डायरेक्टर प्रेमोदय खाखा और उनकी पत्नी को बुराड़ी थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस दोनों को थाने लाकर पूछताछ कर रही है। वहीं, पीड़िता के बयान लेने के लिए मजिस्टे्ट सेंट स्टीफन अस्पताल पहुंचे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लड़की के बयान के बाद तुरंत आरोपी डिप्टी डायरेक्टर और उनकी पत्नी को मामले में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाला अस्पताल में धरने पर बैठी हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को जांच जारी रहने तक उसे निलंबित करने का निर्देश दिया है और आज शाम 5 बजे तक इस पर एक रिपोर्ट भी मांगी है। वहीं, मामले को लेकर आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘यह एक भयानक घटना है। इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। अब तक कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। कार्रवाई नहीं होने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया है।’
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाला दुष्कर्म पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंची, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने से रोक दिया। इसके बाद उन्हें मजबूर होकर धरने पर बैठना पड़ा। स्वाती मालीवाला ने ट्वीट कर कहा कि ‘आधे घंटे से अस्पताल प्रशासन मुझे नाबालिग पीड़िता से मिलने से रोक रहा है। गार्ड कह रहे हैं पुलिस ने मना किया है। ये चल क्या रहा है? पहले तो आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रहे ऊपर से मुझे लड़की से मिलने से रोक रहे हैं? क्या छुपाना चाहती है दिल्ली पुलिस?
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि ‘दिल्ली में महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर बैठे सरकारी अफसर पर बच्ची से यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है। जब वह गर्भवती हो गई तो उसने और उसकी पत्नी ने गर्भपात कराने की कोशिश की। पुलिस ने अभी तक उसको आरेस्ट नहीं किया है। दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर रहे हैं, क्योंकि हम जानना चाहते हैं कि उसके खिलाफ क्या शिकायतें हैं और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। जिसका बेटियों की सुरक्षा करना था, वही भक्षक बन जाए तो लड़कियां कहां जाएं, जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए।’
NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा कि इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है। यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली अवधि में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षकता की आवश्यकता है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण NCPCR के बालस्वराज पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए।
दिल्ली सरकार ने कहा था कि उन्होंने ऐसे सभी बच्चों का ब्योरा दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक हमें उसकी डिटेल नहीं मिल पाई है। हमने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बच्ची का नाम और बालस्वराज पोर्टल में उसकी एंट्री पूछी है। बच्चे ने अभी तक बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान नहीं दिया है। हम सुबह से समिति प्रमुख से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह कॉल रिसीव नहीं कर रही हैं। हम इस मामले पर नजर रख रहे हैं और यह जानकारी एकत्र करने के बाद हम दिल्ली सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे। जिस अस्पताल में लड़की भर्ती है वहां भी हम एक टीम भेज रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, पिता की मृत्यु के वह अक्टूबर 2020 से बुराड़ी में अपने पिता के दोस्त के साथ रहती थी। वह फरवरी 2021 तक उसके साथ रही। पीड़िता के अनुसार, उसके पिता के दोस्त ने 2020-21 के बीच कई महीनों तक उसका यौन उत्पीड़न, शारीरिक उत्पीड़न और बार-बार दुष्कर्म किया।
पुलिस ने बताया कि लड़की को घबराहट होने लगी और एक सप्ताह पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। व्यापक मनोवैज्ञानिक परामर्श के बाद उसने डॉक्टरों, परामर्शदाताओं और पुलिस अधिकारियों के सामने खुलकर बात की और खुलासा किया कि आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। पुलिस ने कहा कि नाबालिग ने खुलासा किया कि वह गर्भवती हो गई थी और आरोपी की पत्नी ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया था। नाबालिग की मेडिकल जांच कराई गई है। साथ ही मामले की चांज चल रही है।
उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बुराड़ी थाने में मामला दर्ज किया गया था। नाबालिग लड़की के पिता की मौत अक्टूबर 2020 में हो गई थी। बाद में लड़की को उसके मृत पिता के दोस्त के आवास पर भेज दिया गया, जो अब मामले में आरोपी (दिल्ली सरकार का अधिकारी) है।
उन्होंने बताया कि नवंबर-दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में उसके स्थानीय अभिभावक (दिल्ली सरकार के अधिकारी) ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसने यह बात आरोपी की पत्नी को बताई तो महिला ने उसे धमकाया और उसका गर्भपात भी करा दिया। इसके चलते लड़की तनाव और दबाव में रही। घटना के बाद उसे पैनिक अटैक का भी सामना करना पड़ा और उसके इलाज के दौरान ये बात सामने आई। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की बयान देने के लिए फिट नहीं है। लड़की का बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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