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एसटी हसन
– फोटो : ANI
विस्तार
समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून भाजपा का चुनावी हथकंडा है। भाजपा समाज में दूरियां बढ़ाने के लिए यह कानून लाना चाहती है लेकिन हम मुसलमान शरीयत को ही मानेंगे। इस प्रकार के कानून को स्वीकार नहीं करेंगे।
सपा सांसद ने अपने बयान में कहा कि आखिर समान नागरिक संहिता कानून लाने की जरूरत क्यों पड़ी। इसका मुख्य कारण 2024 का चुनाव है। भाजपा हिंदू मुसलमान के बीच दूरियां बढ़ाने के लिए यह सब कर रही है। 1400 से अधिक साल पहले मुसलमानों में शरीयत के अनुसार पैतृक संपत्ति में लड़कियों को उनका हक दिया जाता है।
कुराने पाक के हुक्म पर मुसलमान शरीयत के अनुसार काम करता है। इससे कोई मुसलमान समझौता नहीं करेगा। सवाल उठाया कि आखिर दूसरे लोगों को शरीयत से क्या परेशानी है। दूसरी शादी भी मजबूरी में लोग करते हैं। किसी की पत्नी बीमार हो गई या बच्चे नहीं हो रहे हैं। इस मामले में पहली पत्नी की इजाजत ली जाती है। इसमें एक संस्कार छिपा होता है।
आजकल लिव इन रिलेशनशिप को सरकार ने मान्यता दे दी है। क्या यही हिंदुस्तानी संस्कृति है। कुरान ने जो हुक्म दिया है। उसी को मुसलमान मानेंगे। इस मामले में किसी मौलाना की भी नहीं चलेगी। इसी प्रकार वक्फ की संपत्ति का मामला है। कानून बनने पर संविधान की धारा 29 और 30 को भी देखना पड़ेगा।
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