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नई दिल्ली में जी-20 का सफल सम्मेलन आयोजित करने के लिए रूस ने भारत की जमकर तारीफ की है। रूस ने भारतीय कूटनीति की सराहना करते हुए नई दिल्ली के डिक्लेरेशन पर अपनी संतुष्टि जाहिर की है। रूस के रक्षामंत्री लावरोव ने कहा कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के मामले में बेहतरीन कूटनीति का प्रदर्शन किया और पश्चिमी देशों के एजेंडे को लागू नहीं होने दिया। रूस ने रविवार को कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण सम्मेलन है, क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया और ‘ग्लोबल साउथ’ की ताकत और महत्व का प्रदर्शन किया।
रूस ने यह भी कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में सफल रहा। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने यूक्रेन सहित कई मुद्दों पर पश्चिमी देशों को अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र ने स्पष्ट रूप से एक संदेश दिया कि दुनिया में सैन्य संघर्षों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार हल किया जाना चाहिए और पश्चिमी शक्तियां विभिन्न संकटों के समाधान की अपनी अवधारणाओं के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह कई मायनों में महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन है।
भारत के रुख पर रूस हुआ बलिहारी
रूस रक्षामंत्री लावरोव ने कहा कि जी-20 सम्मेलन हमें कई मुद्दों पर आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है।’’ लावरोव ने यह भी कहा कि नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन ने वैश्विक प्रशासन और वैश्विक वित्त में निष्पक्षता की दिशा में भी एक दिशा प्रदान की है। रूस के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं जी20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। पश्चिमी देशों का आधिपत्य नहीं कायम हो पाएगा, क्योंकि हम दुनिया में सत्ता के नये केंद्र उभरते हुए देख रहे हैं।’’ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों पर लावरोव ने कहा कि पश्चिमी शक्तियों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को सालाना 100 अरब अमेरिकी डॉलर प्रदान करने के अपने वादे पर कुछ नहीं किया है। (भाषा)
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