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– फोटो : istock
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पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं की कमी के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया। आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और सहकारी बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
बैंक के बंद होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि के एवज में प्राप्ति का हकदार होगा। उसे यह राशि बीमा दावा राशि के रूप में प्राप्त होगी। बैंक की ओर से प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
आरबीआई ने कहा, लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ है। अगर बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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