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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: देवों के देव महादेव पूजा के लिए जैसे सावन का हर सोमवार बहुत मायने रखता है, वैसे ही मां पार्वती की आराधना के लिए सावन का हर मंगलवार महत्वपूर्ण माना गया है। अध्यात्मिक दृष्टिकोण से इस व्रत को बहुत ही शुभ माना गया है। मान्यता है कि सावन के महीने में ‘मंगला गौरी व्रत’ (Sawan Mangla Gauri Vrat 2023) रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। आइए जानें कब है इस वर्ष का पहला मंगला गौरी व्रत।
पंचांग के अनुसार, सावन मास का पहला ‘मंगला गौरी व्रत’ 4 जुलाई मंगलवार के दिन रखा जाएगा। विशेष बात यह है कि इसी दिन से सावन महीने की शुरुआत भी हो रही है। इस वर्ष ‘अधिक मास’ के कारण सावन 58 दिनों का होने जा रहा है और इस मास का समापन 31 अगस्त को होगा।
सावन के ‘मंगला गौरी व्रत’ 2023
पहला मंगला गौरी व्रत 2023 – 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 22 अगस्त 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 2023 – 29 अगस्त 2023
सावन (अधिक मास) के मंगला गौरी व्रत 2023
पहला मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास)- 18 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 25 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 1 अगस्त 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 8 अगस्त 2023
पांचवा मंगला गौरी व्रत 2023 (अधिक मास) – 15 अगस्त 2023
महिमा
शास्त्रों में बताया गया है कि इस व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मां गौरी की कथा का श्रवण से मनचाही इच्छा पूर्ण हो जाती है। मान्यता है कि इस उपवास को रखने से परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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