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तेलंगाना के भाजपा नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
– फोटो : Social Media
विस्तार
पिछले चुनाव (2018) में एक सीट सीटने वाली पार्टी ने पांच साल बाद फिर चुनाव लड़ा और इस बार आठ सीटों पर जीत दर्ज की। दक्षिण की राजनीति में इसे पार्टी की सफलता करार दिया गया है। यह पार्टी कोई और नहीं सिर्फ भाजपा है। भाजपा ने पिछले बार से यहां सात सीटें अधिक जीतीं हैं। लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिणी राज्य में भाजपा ने अपनी स्थिति में सुधार किया है।
दो उपचुनावों में भी भाजपा ने दर्ज की जीत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2018 तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक सीट जीतने वाली भाजपा का वोट शेयर लगभग दोगुना हो गया है। 2018 में भाजपा का वोट शेयर मात्र सात प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 13.88 प्रतिशत हो गया है। भाजपा ने दो उपचुनावों में जीत दर्ज की थी। तेलंगाना के भाजपा नेता केवीआर ने मुख्यमंत्री केसीआर और पीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी को हराया है। केवीआर ने केसीआर को 6,741 वोटों से मात दी है। हालांकि, भाजपा के तीन सांसद चुनाव हार गए।
बंदी संजय कुमार भी हारे
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले टी राजा सिंह हैदराबाद शहर के गौशमहल से चुनाव जीत गए हैं। गौशमहल सीटे से यह उनकी हैट्रिक है। वहीं, भाजपा के सांसद पूर्व राज्य प्रमुख बंदी संजय कुमार 3,163 वोटों से हार गए हैं। निजामाबाद सांसद डी अरविंद अपने बीआरएस प्रतिद्वंदी कल्वाकुंटला संजय से 10,000 से अधिक वोटों से हार गए। सोयम बापुराव बीआरएस के अनिल जादव से हार गए।
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