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नीदरलैंड में गीर्ट वाइल्डर्स का प्रधानमंत्री बनना तय (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
विस्तार
नीदरलैंड्स के आम चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाले गीर्ट वाइल्डर्स ने दुनिया भर से मिल रहे बधाई संदेशों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर सभी का धन्यवाद किया। इस दौरान उन्होंने भारत और खास तौर पर हिंदुओं का धन्यवाद दिया। उन्होंने अपनी पोस्ट में #India का भी प्रयोग किया। गौरतलब है कि गीर्ट वाइल्डर्स एक दक्षिणपंथी नेता हैं। हाल ही में उन्होंने ‘कुरान पर प्रतिबंध’ और ‘मुस्लिम दोयम दर्जे के नागरिक’ जैसे विवादित बयान दिए थे। इतना ही नहीं, भारत में पैगंबर मुहम्मद को लेकर हुई बयानबाजी में गीर्ट ने नुपूर शर्मा का समर्थन कर सुर्खियां बटोरीं थीं।
Thanks so much to all my friends from all over the world who congratulated me on winning the Dutch elections.
Many kind messages came from #India: i’ll always support Hindus who are attacked or threatened to be killed or prosecuted in Bangladesh, Pakistan only for being Hindu.
— Geert Wilders (@geertwilderspvv) December 17, 2023
क्या पोस्ट किया गीर्ट वाइल्डर्स ने
नीदरलैंड के दक्षिणपंथी राजनेता ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मुझे भारत से कई तरह के संदेश मिले- मैं हमेशा उन हिंदुओं का समर्थन करूंगा जिन पर केवल हिंदू होने के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान में हमला किया जाता है या मारने की धमकी दी जाती है या फिर उन पर मुक़दमे चलाए जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीदरलैंड के चुनाव में गीर्ट वाइल्डर्स को अप्रत्याशित जीत मिली है।
गीर्ट वाइल्डर्स कौन हैं?
नीदरलैंड में वाइल्डर्स की छवि दक्षिणपंथी नेता के रूप में है। लोकलुभावन वादे और विवादित बयान देने वाले वाइल्डर्स पार्टी फॉर फ्रीडम (पार्टिज वूर डी व्रिजहीद, पीवीवी) के संस्थापक नेता हैं। 6 सितंबर, 1963 को नीदरलैंड के वेनलो में जन्मे वाइल्डर्स ने राजनीतिक करियर की शुरुआत उदारवादी पार्टी पीपुल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी (वीवीडी) के साथ की। 2006 में उन्होंने अलग पार्टी बनाने का फैसला लिया। उन्होंने आप्रवासन विरोधी नीतियों पर विशेष जोर दिया।
वाइल्डर्स ने विशेष रूप से गैर-पश्चिमी आप्रवासियों के खिलाफ मुखरता से बयान दिए। उन्होंने इस्लाम की आलोचना जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने अक्सर डच संस्कृति और पश्चिमी मूल्यों के लिए इस्लाम के लिए खतरा बताया है। विवादित टिप्पणियों के कारण वाइल्डर्स को कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। 2016 में नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए सजा मिली थी, लेकिन अपील में उन्हें अदालत से राहत मिली थी।
मुसलमानों के खिलाफ वाइल्डर्स की बयानबाजी
वाइल्डर्स इस्लाम की आलोचना में कितने मुखर रहे हैं इसका अंदाजा उनके बयानों से होता है। अक्सर इस्लाम को चरमपंथ के साथ जोड़ने वाले वाइल्डर्स कई ऐसे बेतुके बयान दे चुके हैं, जो यूरोपीय संस्कृति के साथ-साथ उदारवाद को चुनौती देते हैं। इस्लाम को पश्चिमी मूल्यों के साथ असंगत बताने वाले वाइल्डर्स मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बताते हैं। ऐसे बयानों के कारण बड़ी आबादी को हाशिए पर धकेले जाने का खतरा है। वह नीदरलैंड से मुस्लिमों को निकाले जाने को लेकर “डी-इस्लामीकरण” की वकालत करते हैं।
वाइल्डर्स की बयानबाजी और नीतियों के कारण मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को वैधता मिलने और ऐसे मामले बढ़ने की क्षमता है। उनके प्रधानमंत्री बनने पर नागरिकों के बीच व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी पनपने का खतरा है। मुसलमानों के प्रति शत्रुता भड़कने का भी खतरा है। खबरों के अनुसार, राजनीतिक विमर्श में इस्लाम और मुसलमानों का लगातार नकारात्मक चित्रण हो रहा है। इससे मुस्लिम समुदाय पर गहरा मनोवैज्ञानिक असर होने का डर है। इससे अलगाव की भावना पैदा हो सकती है और अपने ही देश में अपनापन न होने की भावना पैदा हो सकती है।
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