[ad_1]
नई दिल्ली. क्रिकेट में किसी टीम की कामयाबी में ओपनिंग जोड़ी का बड़ा रोल होता है. इस जोड़ी पर टीम को अच्छी शुरुआत देने का दारोमदार होता है. सीमित ओवरों के क्रिकेट में तो फिर भी स्कोर तेजी से बढ़ाने की आपाधापी में इनके जल्द आउट होने की आशंका रहती है लेकिन टेस्ट में इन पर टीम को मजबूत बुनियाद देने की जिम्मेदारी होती है. चूंकि टेस्ट पारी में ओवरों की सीमा नहीं होती, ऐसे में ओपनर का ध्यान, क्रीज पर अधिकतम समय गुजारकर स्कोर को ऊंचाई प्रदान करने का होता है. बॉल नई होने या इसके स्विंग करने की स्थिति में उसे ‘डिफेंसिव अप्रोच’ अपनानी होती है. जब बॉलर्स थक जाते हैं और पिच बैटिंग के लिए माकूल होती है तब वे तेजी से रन जुटाना शुरू करते हैं.
ऐसी कई ओपनर जोड़ियां हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इस रोल में खरा उतरते हुए रनों का अंबार लगाया और अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया. इनमें गॉर्डन ग्रीनिज-डेसमंड हैंस, मैथ्यू हेडन-जस्टिन लेंगर, एलिस्टेयर कुक-एंड्रयू स्ट्रास, माजिद खान-मुदस्सर नजर, सुनील गावस्कर-चेतन चौहान और वीरेंद्र सहवाग-गौतम गंभीर की जोड़ी प्रमुख है.
1970 और 1980 के दशक में वेस्टइंडीज टीम की विश्व क्रिकेट में तूती बोलती थी. इस टीम में गॉर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हेंस, विव रिचर्ड्स, क्लाइव लायड और लेरी गोम्स जैसे धाकड़ बैटर थे तो एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग, मैल्कम मार्शल, जोएल गॉर्नर और कॉलिन क्राफ्ट जैसे खूंखार बॉलर. ग्रीनिज-हेंस की बात करें तो इनके नाम टेस्ट में बतौर ओपनर सबसे अधिक रन जोड़ने का रिकॉर्ड है. वर्ष 1978 से 1991 के बीच इन दोनों 148 पारियों में 47.31 की औसत से 6482 रन बनाए. इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 16 बार शतकीय और 26 बार अर्धशतकीय साझेदारियां कीं. दोनों के बीच पहले विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी 298 रनों की रही जो इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1990 में सेंट जोंस में की थी. इस जोड़ी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि टेस्ट और वनडे, दोनों फॉर्मेट में ये आक्रामक अंदाज में बैटिंग करते थे.
अंपायर जिसे मिला ‘स्लो डेथ’ नाम, सचिन तेंदुलकर को गलत आउट देने के लिए रहा बदनाम
दोनों का टेस्ट और वनडे में 40+ का औसत
गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेंस, दोनों बारबडोस से आते हैं. घरेलू क्रिकेट में ये साथ खेले, ऐसे में इनका तालमेल बेहतरीन रहा. इन दोनों ही बैटरों के टेस्ट और वनडे के आंकड़े जबर्दस्त हैं. उम्र में हेंस से चार साल बड़े और पहले इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले गॉर्डन ग्रीनिज ने 108 टेस्ट में 44.72 के औसत से 7558 रन बनाए जिसमें 19 शतक रहे. उनका टेस्ट का सर्वोच्च स्कोर 226 रन रहा. 128 वनडे में 45.03 के औसत और 11 शतक की मदद से 5134 रन उन्होंने बनाए. इस दौरान नाबाद 133 रन उनका वनडे का शीर्ष स्कोर रहा. ग्रीनिज के सहयोगी हेंस ने ने 116 टेस्ट में 42.29 के औसत से 7487 रन बनाए जिसमें 18 शतक (सर्वोच्च स्कोर 184) शामिल रहे. 238 वनडे में उन्होंने 41.37 के औसत से 8648 रन बनाए जिसमें 11 शतक हैं. नाबाद 152 रन हेंस का वनडे का टॉप स्कोर है.
7 अनलकी क्रिकेटर, एक ने डेब्यू ODI में जड़े 55*,दूसरे ने लिए 3 विकेट लेकिन..
ग्रीनिज ने डेब्यू और 100वे टेस्ट में खेली थी शतकीय पारी
ग्रीनिज के नाम पर अपने पहले और 100वें टेस्ट में शतक जड़ने और हेंस ने नाम पर अपने पहले और आखिरी ODI में शतक जड़ने की उपलब्धि दर्ज है. नवंबर 1974 में भारत के खिलाफ बेंगलोर में डेब्यू करने वाले ग्रीनिज अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में 7 रन से शतक चूक गए थे और 93 रन पर आउट हो गए थे लेकिन टेस्ट की दूसरी पारी में इसकी भरपाई करते हुए उन्होंने 107 रन बनाए थे. ग्रीनिज ने अपना 100वां टेस्ट अप्रैल 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ सेंटजोंस में खेला था और पहली पारी में 149 रन बनाए थे. 100वें टेस्ट के अलावा अपने 100वें वनडे में भी ग्रीनिज शतक जड़ चुके हैं. अपना 100वां ODI उन्होंने 18 अक्टूबर 1988 को पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में खेला था और नाबाद 102 रन बनाए थे.
वनडे में हेंस के नाम है कमाल की उपलब्धि
हेंस की बात करें तो मार्च 1978 में अपना पहला टेस्ट खेलने से पहले उन्होंने 2 फरवरी 1978 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI डेब्यू किया और इसी मैच में 148 रन (136 गेंद, 16 चौके व दो छक्के) बनाकर खास छाप छोड़ी. करियर का आखिरी वनडे उन्होंने 5 मार्च 1994 को इंग्लैंड के खिलाफ सेंटजोंस में खेला और 115 रन (112 गेंद, 14 चौके) बनाए. हेंस के अलावा इंग्लैंड के डेनिस एमिस ही अपने पहले और आखिरी वनडे में शतक लगा पाए हैं.
.
Tags: Cricket, Test cricket, West Indies Cricket Team, West Indies Cricketer
FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 18:30 IST
[ad_2]
Recent Comments