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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षण मूल्यांकन में क्रेडिट सूचना कंपनियों के आचरण को लेकर ‘कुछ चिंताएं’ देखी गई हैं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे और कर्ज संबंधी सूचनाएं देने वाली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक में उन विशिष्ट क्षेत्रों का भी जिक्र किया गया जहां सीआईसी को ध्यान देने की जरूरत है।
बैठक के बाद जारी बयान के मुताबिक, ‘‘स्वामीनाथन ने हाल में क्रेडिट जानकारी से संबंधित ग्राहकों की शिकायतें बढ़ने और रिजर्व बैंक के निरीक्षणात्मक मूल्यांकन के दौरान कुछ चिंताएं सामने आने की बात कही।’’ स्वामीनाथन ने बैठक में कहा कि सीआईसी को ग्राहकों की शिकायतों का समय पर निपटान करने, आंतरिक लोकपाल ढांचे को मजबूत करने, डेटा सुधार अनुरोधों के सुव्यवस्थित प्रबंधन के अलावा साइबर सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता को सशक्त करने, डेटा गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान देने की जरूरत है।
बयान के अनुसार, इस बैठक में आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग और विनियमन विभाग के कार्यकारी निदेशकों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। CIBIL, इक्विफैक्स, एक्सपीरियन और हाई मार्क क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज भारत में प्रसिद्ध क्रेडिट स्कोर देने वाली कंपनियां हैं।
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