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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केरल की वामपंथी सरकार के इन आरोपों को खारिज किया कि राज्य को धन आवंटन में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार बिना देरी किए केरल को आवश्यक धनराशि तुरंत भेजती है। विभिन्न श्रेणियों के तहत धन जारी नहीं करने के वामपंथी सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में राज्य सरकार की विफलता के कारण यह धन जारी नहीं किया जा सका।
नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की घोषणा
केरल में सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने केंद्र सरकार की कथित उपेक्षा के खिलाफ जनवरी में नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने दावा किया कि 2009-10 से 2023-24 के बीच केरल को वित्त आयोग अनुदान की सबसे अधिक राशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जारी की गई है। वित्त मंत्री ने कहा, ”राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत सभी लंबित देनदारियां और 2023-24 की पहली किश्त जारी की जा चुकी है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिक पेंशन को कवर करते हुए केरल को अक्टूबर 2023 में 602.14 करोड़ रुपये जारी किए गए।”
केरल सरकार ने अपेक्षित शर्तें पूरी नहीं की
उन्होंने यह बात एटिंगल में आयोजित ऋण वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सातवें यूजीसी वेतन संशोधन के मुद्दे पर शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि प्रतिपूर्ति के जरिए 50 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी (7वीं सीपीसी) की योजना उन राज्य सरकारों के लिए थी, जिन्होंने 7वीं योजना के अनुसार संशोधित वेतनमान को अपनाया और लागू किया था। सीतारमण ने कहा, ”केरल सरकार ने अपेक्षित शर्तें पूरी नहीं की, इसलिए धनराशि जारी नहीं की जा सकी।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत के बाद से, केंद्र सरकार ने राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता के रूप में 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण दिया है। यहां ब्याज का भार केंद्र सरकार उठाती है।
राज्य सरकार अपनी इच्छा से बदल नहीं सकती
वित्त मंत्री ने कहा, ”केरल सरकार को संसद द्वारा अनुमोदित केंद्र प्रायोजित योजनाओं के ब्रांडिंग दिशानिर्देशों का पालन करना था। इसे राज्य सरकार अपनी इच्छा के अनुसार बदल नहीं सकती है। इसलिए, पैसा जारी नहीं किया जा सका। अगर हम फिर भी पैसा जारी करते हैं, तो सीएजी हमसे सवाल करेगी, न कि राज्य सरकार से।” स्वास्थ्य अनुदान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल सरकार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ ही 15वें वित्त आयोग की निर्धारित शर्तों और सिफारिशों को पूरा करना होगा और उसके बाद ही केंद्र विशेष अनुदान जारी कर सकती है। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्ष 2018-19 से 2022-23 के दौरान केरल सरकार को 259.63 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
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