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भारतीय रेलवे में मौजूदा समय में ज्यादातर ट्रेन बिजली से चलाई जा रही है, लेकिन जल्द ही इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी से ट्रेन चलाने पर कार्य कर रहा है। बड़ी बात यह है कि इसमें पिछले कुछ समय में काफी प्रगति भी देखने को मिली है।
संसद में एक सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि ये काफी इनोवेटिव प्रोजेक्ट है। इसे रेलवे के संचालन में हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी का उपयोग को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रुप है। इस ट्रेन का प्रोडक्शन आईसीएफ चेन्नई में किया जाना है।
रिन्यूएबल एनर्जी पर काम कर रहा रेलवे
रेल मंत्री ने आगे कहा कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट एक काफी महत्वपूर्ण प्रगति है और यह रेलवे की ग्रीन फ्यूचर को लेकर प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस प्रोजेक्ट से रेलवे के पास हाइड्रोजन से ट्रेन संचालन करनी की क्षमता आएगी।
कार्बन उत्सर्जन को कम कर रहा रेलवे
रेलवे की ओर से 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का प्लान बनाया गया है। इसके लिए रेलवे द्वारा कई निर्णय लिए जा रहे हैं। साथ ही रेलवे कई नई टेक्नोलॉजी पर शिफ्ट होने की योजना पर काम कर रहा है।रेलवे द्वारा रेल ब्रिज, कोट और स्टार रेटिंग के उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कि काम काफी किफायती तरीके से हो सके। इसके साथ ही रेलवे वंदे भारत जैसी अच्छी सुविधाओं वाली ट्रेनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंतरिम बजट 2024 में सरकार ने ऐलान किया था कि 40,000 से ज्यादा रेल कोचों को वंदे भारत के स्टैंडर्ड का बनाया जाएगा।
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