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मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स की पिछले दिनों जबरस्त पिटाई हुई है। अधिकांश स्टॉक्स 30% से 40% फीसदी तक टूट गए हैं। इसक चलते इन स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, अभी भी चिंता खत्म नहीं हुई है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि वैश्विक रूप से से मिले-जुले संकेतों के बीच निवेशकों के सेंटीमेंट्स कमजोर बने हुए हैं। यह प्रमुख केंद्रीय बैंकों के महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को लेकर अनिश्चितताओं से प्रभावित है। इसके चलते मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में हाई वैलुएशन को लेकर चिंता बनी हुई है और मध्यम अवधि में लार्ज कैप के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। ऐसे में इन स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत हैि।
बड़ी गिरावट के बाद हुई खरीदारी
पिछले सप्ताह मिड और स्मॉल-कैप में लिवाली हुई, इसका वजह है डीआईआई और एफआईआई ने इसमें अच्छी खरीददारी की। खर्च बढ़ने से आईटी सेक्टर को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। नायर ने कहा, निवेशक रियल्टी सेक्टर की ओर आकर्षित हुए, जो सप्ताह के टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरा। आगे बाजार में कुछ उछाल जारी रहने की उम्मीद है।
बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगले हफ्ते में कम ट्रे़डिंग डे होने होने और डेरिवेटिव की मासिक समाप्ति के कारण, कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जबकि निफ्टी के उच्च स्तर पर मजबूत होने की संभावना है। साथ ही, अमेरिकी जीडीपी और अन्य प्रमुख आर्थिक डेटा पर निवेशकों की नजर रहेगी। 17 साल बाद बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में वृद्धि की और ईसीबी ने अपनी दरों को बरकरार रखा। इससे बाजार में सेंटीमेंट्स कमजोर हुए हैं। हालांकि, अमेरिकी फेड के इस बात के संकेत देने से कि ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, बाजार में तेजी आई।
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