[ad_1]
Mutual Funds Investors: भारत में इन दिनों लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करने को लेकर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। म्यूचुअल फंड में लार्ज, मिड, स्मॉल और मल्टी कैप फंड में निवेशक अपना पैसा लगाते हैं। सबसे सुरक्षित निवेश लार्ज कैप फंड को माना जाता है। निवेशक अब बड़ी कंपनियों (लार्ज-कैप) की तुलना में छोटी कंपनियों (स्मॉल-कैप) में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड को तरजीह दे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण जून तिमाही का आंकड़ा है। अप्रैल-जून तिमाही में इन योजनाओं में करीब 11,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया है। विश्लेषकों ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कोष प्रबंधक बड़ी कंपनियों में पैसे लगाकर बेहतरीन परिणाम नहीं दे सके और ये रुझान आगे भी कुछ समय तक बने रहने का अनुमान है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड से समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 3,360 करोड़ रुपये की निकासी हुई। जून तिमाही से पहले मार्च तिमाही में स्मॉल-कैप कोषों में 6,932 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। क्लाइंट एसोसिएट्स के सह-संस्थापक हिमांशु कोहली ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों में मजबूत तेजी आई है और इसकी वजह यह है कि लार्ज-कैप क्षेत्र में बेहतरीन नतीजे देना मुश्किल हो रहा है। स्मॉलकैप कोषों में भारी निवेश की यह एक वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन कोषों में भारी निवेश ने कोष प्रबंधकों को अपने शेयरों के चयन में अधिक सतर्क कर दिया है, क्योंकि इनका मूल्यांकन बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा बाजार में हमेशा होता है, क्योंकि कोष मैनेजर हमेशा अच्छी कीमत पर शेयरों की तलाश करते हैं।
क्यों स्मॉल-कैप फंड बने हीरो?
आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) फिरोज अजीज ने कहा कि निवेशक स्मॉल-कैप को इसलिए प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि उनमें जोखिम मिड-कैप के समान ही है, लेकिन रिटर्न या प्रतिफल की क्षमता अधिक है। म्यूचुअल फंड क्षेत्र में स्मॉल-कैप श्रेणी ने एक साल में 30-37 प्रतिशत, तीन साल में 40-44 प्रतिशत और पांच साल में 18-21 प्रतिशत की सालाना की दर से बेहतरीन रिटर्न दिया है।
Latest Business News
[ad_2]
Add Comment