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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर एक बड़ी गारंटी दी है। पीएम मोदी के शब्दों में कहें तो उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पीएम की घोषणा के अगले ही दिन देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने एक बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि वर्ष 2027 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। एसबीआई का अनुमान पहले जताए गए अनुमान से दो साल कम है।
यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संबोधन के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
इस साल 6.5 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर (स्थिर मूल्य पर) 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर 2027 (वित्त वर्ष 2027-28) तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। वर्ष 2014 से तुलना की जाए तो उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी। इस लिहाज से इसमें सात स्थानों का सुधार होगा।’’
दो साल में भारत पूरा कर लेगा टार्गेट
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को यह मुकाम पिछले अनुमान के मुकाबले दो साल पहले ही प्राप्त होने की संभावना है। पिछले अनुमान में भारत के 2029 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जतायी गयी थी। फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहेगी। इससे कुल मिलाकर वृद्धि दर 6.
5 प्रतिशत से ऊपर जा सकती है। देश के लिये 6.5 से 7.0 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करना अब नया चलन बन गया है। भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
वैश्विक GDP का 4% होगा भारत
एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से एक ‘आदर्श स्थिति’ में है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत के लिये किसी भी मानदंड से एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। रिपोर्ट के अनुसार 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1,800 अरब डॉलर की वृद्धि आस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा की होगी। अर्थशास्त्रियों ने लिखा है कि वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 2027 तक चार प्रतिशत होगी और इस दौरान अर्थव्यवस्था का आकार हर दो साल में 750 अरब डॉलर बढ़ेगा।
2047 में 20 ट्रिलियन डॉलर की होगी इकोनॉमी
रिपोर्ट के अनुसार इस रफ्तार से जीडीपी में वृद्धि से भारत 2047 में जब अपनी आजादी के सौ साल मना रहा होगा, तब अर्थव्यवस्था 20,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। मौजूदा मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 11-11.5 प्रतिशत तथा वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत सालाना रहने से भारत की संचयी वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत होगी और वृद्धि की यह रफ्तार संभव है। रिपोर्ट कहती है कि राज्यों में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) वर्ष 2027 तक 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।
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