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ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म जोमैटो एक और बड़े अधिग्रहण की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, Zomato ने घरेलू लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदाता शिपरॉकेट को करीब 2 अरब डॉलर (16,600 करोड़ रुपये से अधिक) में अधिग्रहण करने की पेशकश की है। ब्लूमबर्ग ने घटनाक्रम से अवगत लोगों का हवाला देते हुए बताया कि जोमैटो ने कंपनी को खरीदने की पेशकश की है और सौदे पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
पहले भी कई अधिग्रहण किए हैं कंपनी ने
पिछले साल अगस्त में जोमैटो समर्थित शिपरॉकेट, जिसे इंफो एज, टेमासेक और लाइटरॉक का भी समर्थन प्राप्त था, ने 3.35 करोड़ डॉलर जुटाए, जिससे इसका मूल्यांकन लगभग 1.2 अरब डॉलर हो गया। जोमैटो ने उसी महीने, क्विक कॉमर्स कंपनी ब्लिंकिट (पूर्व में ग्रोफ़र्स) और उसके वेयरहाउसिंग और सहायक सेवा व्यवसाय का अधिग्रहण पूरा किया। जोमैटो के बोर्ड ने ब्लिंकिट के अधिग्रहण के लिए 4,447 करोड़ रुपये के लेनदेन को मंजूरी दे दी थी। सहायक कारोबार 61 करोड़ रुपये में खरीदा गया था।
जोमैटो के शेयर में तेजी का दौर जारी
इस साल जोमैटो के शेयर में तेजी का दौर जारी है। अगर कंपनी के शेयर पर नजर डालें तो इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक कंपनी ने 117.47% का रिटर्न दिया है। जनवरी में कंपनी का शेयर 46 रुपये से अब 128 रुपये के पार पहुंच गया है। गुरुवार को भी शेयर में 2 फीसदी से अधिक की तेजी रही। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयरों में तेजी का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। कंपनी अब फायदे में पहुंच रही है। इसका असर कंपनी के शेयरों पर दिखाई भी दे रहा है।
शिपरॉकेट का क्या है कारोबार
2017 में लॉन्च किया गया, शिपरॉकेट खुदरा विक्रेताओं को शॉपिफाई, मैगेंटो, वूकॉमर्स, ज़ोहो और अन्य पर अपनी शॉपिंग वेबसाइटों को एकीकृत करने में मदद करने के लिए एक प्रौद्योगिकी स्टैक प्रदान करता है। शिपरॉकेट देश भर में स्थित 45 से अधिक गोदामों के साथ अत्याधुनिक पूर्ति समाधान भी प्रदान करता है।
इस बीच, शिपरॉकेट कथित तौर पर यूएस-आधारित निवेश फर्म ट्राइब कैपिटल के नेतृत्व में 75-100 मिलियन तक फंड जुटाने के लिए शीर्ष वीसी फर्मों के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों के हवाले से पिछले हफ्ते टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘फंडिंग को लेकर बातचीत जारी है और शर्तें बदल सकती हैं।’ट्राइब कैपिटल और शिपरोकेट दोनों ने रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की। बेंगलुरु मुख्यालय वाले शिपरोकेट का लक्ष्य अगले 12 से 18 महीनों में आईपीओ के लिए तैयार होना है। इसका लक्ष्य अगले 12 महीनों में एसएमबी को लगभग 100 करोड़ रुपये वितरित करना है।
इनपुट: आईएएनएस
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