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सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: संतान की खुशहाली के लिए रखा जाने वाला ‘अहोई अष्टमी’ (Ahoi Ashtami Vrat 2023) का व्रत इस बार आज यानी 5 नवंबर, रविवार को रखा रहा है। अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। संतान से जुड़े इस व्रत को महिलाएं अपने बच्चों की अच्छी सेहत और खुशहाली के लिए रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार, व्रत से जुड़े खास नियमों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाता है। आइए जानें अहोई अष्टमी के व्रत के दौरान कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए।
ज्योतिषियों के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जो मिट्टी से जुड़ा हो जैसे खुदाई, किसानी, बर्तन बनाना आदि। पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक साहूकार रहता था, जिसके सात बेटे थे। एक बाद दीपावली से पहले साहूकार की पत्नी घर की लिपाई-पुताई के लिए खेत में मिट्टी लाने गई थी। खेत में पहुंचकर उसने कुदाल से मिट्टी खोदनी शुरू की मिट्टी इसी बीच उसकी कुदाल से अनजाने में एक साही (झांऊमूसा) के बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद अहोई माता और सेई की पूजा करने के बाद ही उसे संतान की प्राप्ति हुई थी। तब से ही यह व्रत रखा जाता है।
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इस दिन जब चंद्रमा या तारों को अर्घ्य दें तो अर्घ्य दी वाले बर्तन की धातु अवश्य जांच लें। अर्घ्य देने वाला बर्तन या तो तांबे या पीतल का होना चाहिए। माताएं स्टील के बर्तन में तारों और चंद्रमा को अर्घ्य देने से बचें।
अहोई अष्टमी व्रत में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन महिलाओं को निर्जला व्रत रखना चाहिए। साथ ही अन्य सदस्यों के लिए प्याज या लहसुन वाला भोजन नहीं बनाना चाहिए। साथ ही, इस दिन इस दिन परिवार में किसी भी प्रकार के विवाद एवं झगड़े से बचें, नहीं तो आपका व्रत खंडित हो सकता है और आपकी पूजा का फल भी आपको नहीं मिलेगा।
अगर संतान को सुख-संपन्नता या संतान प्राप्ति में कोई बाधा आ रही है तो अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता और भगवान शिव को दूध-भात का भोग लगाएं। इसके बाद मोतियों की माला किसी धागे में पिरोकर अहोई माता अर्पित करें और संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें। पूजा के बाद ये माला अपनी पुत्रवधू के गले में पहना दें। इस दिन नुकीली चीजें इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है इस दिन ये अशुभ होते है जैसे चाकू, छूरी, सुई आदि।
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