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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ‘भानु सप्तमी’ (Bhanu Saptami 2023) मनाई जाती है। इस बार जून महीने की ‘भानु सप्तमी’ आज यानी 25 जून को है। आज के इस दिन सूर्यदेव की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भानु सप्तमी तिथि पर सूर्यदेव की पूजा करने से आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अतः रथ सप्तमी तिथि पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा-उपासना करनी चाहिए। भानु सप्तमी को सूर्य सप्तमी, अचला सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी,आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है। आइए जानें इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
पूजा विधि
‘रथ सप्तमी’ के दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान भास्कर को प्रणाम करें। नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आचमन कर सूर्य देव को जल में चावल, तिल, रोली और दूर्वा मिलाकर अर्पित करें। तत्पश्चात, ‘ऊँ घृणि सूर्याय नम:’ और “ऊँ सूर्याय नम:” मंत्र का उच्चारण कर सूर्यदेव का आह्वान करें। अब पंचोपचार कर सूर्यदेव की पूजा करें। इस समय सूर्य चालीसा, स्तुति, स्त्रोत और सूर्य कवच का पाठ करें। अंत में आरती कर सुख और समृद्धि की कामना करें। पूजा समापन के बाद यथा शक्ति तथा भक्ति के भाव से गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें। इच्छा पूर्ति हेतु साधक व्रत उपवास भी रख सकते हैं।
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धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्यदेव की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। सनातन धर्म में चर्मरोग से निजात पाने के लिए सूर्य उपासना का विधान है। कालांतर में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र ने सूर्यदेव की उपासना की थी। इसके फलस्वरूप साम्ब को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी। ज्योतिष भी कुंडली में सूर्य मजबूत करने की सलाह देते हैं। इससे करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। अतः ‘भानु सप्तमी’ का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धा भाव से सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए।
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