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सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व (Chaitra Navratri 2024) का अपना एक अलग ही महत्व है। इस दौरान भक्त कठिन नियमों के साथ मां की पूजा करते हैं। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है। जिसमें मां दुर्गा (Goddess Durga) के नौ रूपों की पूजा का विधान है।
विधि विधान से करें मां दुर्गा की पूजा
ज्योतिषियों का मानना है कि, जो भी श्रद्धालु नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते है। मां उन पर अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करती है। उनके सारे मनोरथ पूरा करती है, लेकिन, इस पाठ के कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। तो आइए जानें दुर्गा सप्तशती पाठ करने के नियम और सावधानियां
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के नियम
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन से दुर्गा सप्तशती पाठ की शुरुआत करनी चाहिए। पाठ करते समय लाल रंग का वस्त्र धारण करें।
पाठ के दौरान बातचीत न करें। पाठ करते समय सफाई का विशेष ध्यान दें।
दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय को एक ही दिन में पूरा करने का विधान है। लेकिन किसी वजह से पाठ पूरा नहीं हो पाया हो, तो नौ दिनों में अपने पाठ को पूरा कर लें।
पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। पाठ में जल्दबाजी न करें। पाठ लय में होना चाहिए।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले को मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
दुर्गा सप्तशती की महिमा
‘दुर्गा सप्तशती’ (Durga Saptashati) का पाठ मां दुर्गा को पूरी तरह से समर्पित है, जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह से मां ने देवों और संसार की रक्षा के लिए भयंकर से भयंकर राक्षसों का वध किया था। दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति मार्कण्डेय पुराण से हुई है, जो 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। इसकी रचना 400-600 ई. के बीच हुई थी और दुर्गा सप्तशती को सबसे शक्तिशाली ग्रंथ माना जाता है।
नवरात्रि के दिनों में ‘दुर्गा सप्तशती’ (Durga Saptashati) का पाठ करने का भी विधान है। इसे बहुत ताकतवर और शुभ फल देने वाला माना जाता है। मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से किसी भी तरह के अनिष्ट का नाश हो जाता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। दुर्गा सप्तशती सब तरह की चिंताओं, क्लेश, शत्रु बाधा से मुक्ति दिलाती है और मुकदमे आदि में विजय दिलाती है। लेकिन इसके शुभ फल प्राप्त करने के लिए इसका पाठ सही तरीके से करना बहुत जरूरी है।
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