[ad_1]
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) का आरंभ मंगलवार से हो चुका हैं। 9 दिन के नवरात्र को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इन दिनों में शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं। लेकिन, कई बार ऐसा होता है नवरात्रि के व्रत में बीच में महिलाओं को मासिक-धर्म, यानी पीरियड आ जाता है और इस कारण देवी के पूजापाठ में विघ्न पड़ता है। इस वजह से मन उदास हो जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि नवरात्रि के बीच में यदि मासिक धर्म आ जाए तो किन नियमों के साथ आपको पूजा करनी चाहिए।
28 दिनों में रिपीट होता है पीरियड
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिलाओं के लिए मासिक धर्म प्राकृतिक रूप से होने वाली वह घटना है जो हर 22 से 28 दिन में रिपीट होती है। अगर आपको पहले से यह आशंका हो कि नवरात्र के बीच में यह समस्या आ सकती है, तो आपको व्रत रखने की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आप चाहें, तो पहला और आखिरी व्रत कर सकती हैं।
माता की प्रतिमा को नहीं छूना चाहिए
मासिक धर्म में महिलाओं को चक्कर आना, भूख न लगना और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको व्रत नहीं रखने चाहिए। लेकिन जिन महिलाओं को ऐसी समस्याएं नहीं होती हैं, वे व्रत रख सकती हैं। इस दौरान आपको माता की प्रतिमा को स्पर्श नहीं करना चाहिए और न ही पूजा की कोई सामग्री छूनी चाहिए। आप सच्चे श्रद्धा भाव से व्रत कर सकती हैं और फलाहार भी कर सकती हैं। भगवान के लिए भक्तों के मन में सच्चा भाव होना जरूरी है और शारीरिक शुद्धि उसके बाद आती है।
किसी और से करवा लें पूजा
अगर, नवरात्रि में आपको शंका है कि मासिक धर्म हो सकता है, तो व्रत न रखें। यदि फिर बीच के दिनों में मासिक धर्म आ गया है और आप व्रत का संकल्प कर चुकी हैं, तो आगे भी कर लें। इसके साथ ही पूजा खुद न करके घर के किसी दूसरे सदस्य से करा लें। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती पाठ पढ़ या फिर सुन सकते हैं।
जिन महिलाओं को नवरात्रि के बीच में ही मासिक धर्म आ जाए, तो उन्हें परेशान या निराश होने की जरूरत नहीं है। बस मां को मानसिक रूप से याद करती रहें और ध्यान करें। ऐसा करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
[ad_2]
Recent Comments