[ad_1]
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: सनातन धर्म में ‘मलमास’ (Malmas) विशेष स्थान रखता है। 18 जुलाई 2023 से मलमास आरंभ हुआ है, जो 16 अगस्त 2023 तक चलेगा। इसे कई जगहों पर अधिक मास के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्यक्रम या आयोजन वर्जित माना गया है। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
इस बार सावन के महीने में ही अधिक मास यानी मलमास पड़ रहा है, जो हर 19 साल में यह संयोग बनाता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस दौरान तुलसी से जुड़ी कुछ चीजों को करने से बचना चाहिए। आइए जानें इस बारे में –
मान्यताओं के अनुसार, यदि आप तुलसी के पत्ते तोड़ते हैं तो इन्हें नाखून के सहारे ना तोड़ें। तुलसी तोड़ने के लिए हमेशा अपनी रिंग फिंगर और अंगूठे का उपयोग करें। इन्हें तोड़ते समय झटके से न तोड़ें तुलसी को आराम से तोड़ना चाहिए।
तुलसी का पौधा जहां भी रखें, वहां साफ-सफाई होनी चाहिए। तुलसी को कभी भी अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। साथ ही रोज शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर में वास करेंगी।
पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु भले ही योग निद्रा में रहते हैं लेकिन इस दौरान उनकी पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होता है। कहते हैं रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला उपवास रखती हैं। ऐसा करने से उनका व्रत टूट सकता है। जिससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी नाराज हो सकते हैं।
तुलसी के पौधे को कभी भी जमीन में न लगाएं, इसे हमेशा किसी गमले या मिट्टी का कोट बनाकर उसमें लगाएं। तुलसी के पौधे के पास कभी भी कांटेदार या अशुभ पौधे न लगाएं। तुलसी माता की पूजा करते हुए तुलसी की परिक्रमा करना भी शुभ होता हैं। परिक्रमा करने से माना जाता है कि तुलसी माता प्रसन्न होती हैं।
[ad_2]
Add Comment