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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिपरजॉय से प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक की। इसके बाद उन्होंने प्रेस से बात करते हुए का कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण एक भी शख्स की मौत नहीं हुई है। गुजरात सरकार और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जीवन की रक्षा के लिए किया गया काम टीम वर्कका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के बेहतर तालमेल का असर ये हुआ कि भयानक तूफान का मुकाबला कर लिया गया। इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने समीक्षा बैठक की थी।
बिपरजॉय में नहीं गई एक भी जान
पीएम मोदी ने तंत्र को सतर्क रहने के लिए अलग-अलग बैठकें की और सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया। अमित शाह ने कहा कि 140 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा तट से टकराती है तो यह मंजर कितना भयानक रहा होगा। जब इस बाबत तीसरे दिन समीक्षा करते हैं तो पता चलता है कि एक भी व्यक्ति की जान चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण नहीं गई है। ऐसे में काम करने में संतोष मिलता है। शाह ने बताया कि इस तूफान में करीब 47 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। वहीं इस दौरान 234 जानवरों की भी मौत हो गई।
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और सेना ने मिलकर किया काम
अमित शाह ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण जिन 3400 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। उनमें से 1600 गांवों की बिजली को बहाल कर दिय गया है। 20 जून तक बाकी सभी गांवों में बिजली को सुचारू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण 1।08 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। 73 हजार जानवरों, 1 लाख मछुआरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इसके लिए एनडीआरएफ की 19 टीमें, एसडीआरएफ की 13 टीमें, 2 रिजर्व बटालियन की तैनाती की गई थी। साथ ही थल सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस और तटरक्षक बल ने भी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर काम किया।
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