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इसी साल अप्रैल महीने में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद ने अपनी हत्या से पहले उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस को जेल में इकबालिया बयान दिया था। ये बयान अब जाकर बाहर आए हैं। अतीक ने पुलिस के सामने अपने व्यापार, हथियार, इतिहास समेत कई बड़े खुलासे किए थे। अब ये बयान सामने आ गया हैं। आइए जानते हैं अपनी मौत से पहले अतीक ने क्या खुलासे किए थे।
पाकिस्तानी कनेक्शन
उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज पुलिस ने जेल में अतीक अहमद से पूछताछ की थी। इस पूछताछ में अतीक ने उमेश पाल हत्या की साजिश की पूरी कहानी बयान कर दी थी। उसने हत्याकांड में जुड़े सभी शूटर्स का नाम बताया था। अतीक ने ये भी बताया था कि इस हत्याकांड की प्लानिंग में उसकी पत्नी शाइस्ता की पूरी-पूरी भूमिका थी। अतीक ने पुलिस के सामने अपना पाकिस्तानी कनेक्शन भी कबूल लिया था। उसने पुलिस को बताया था कि उसके पास AK47, स्टेन गन समेत कई अन्य हथियार भी हैं।
ये था मुख्य पेशा
पुलिस को दिए गए इकबालिया बयान में अतीक ने बताया था कि इलाहाबाद कौशांबी के आसपास के क्षेत्र में विवादित जमीन को खरीदना, उसे खाली करवाना और उसको महंगे दामों बेचना उसका मुख्य पेशा था। इस कारोबार में दबदबे की जरूरत होती थी जिसके लिए 100 से 200 लोगों की जरूरत थी। ये लोग क इशारे पर अतीक के लिए किसी की भी जान ले सकते थे।
चांद मियां-राजू पाल की हत्या कबूली
अतीक ने बताया था कि चांद मियां नाम के गुंडे ने उसे दबाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं दबा और उसे उसूल के मुताबिक अपने रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या भी कर दी। उसने कहा था कि 2005 में राजू पाल ने उसके भाई अशरफ को चुनाव में हराया था। ये बात उससे बर्दाश्त नहीं हुई और उसने दिन दहाड़े सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर राजू पाल को गोलियों से छलनी करवा दिया। अतीक के अनुसार, उसने राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को कई बार रास्ते से हट जाने को कहा था लेकिन उमेश ने बात नहीं मानी। इस कारण उसे भी रास्ते से हटाना पड़ा।
हथियार कहां से लाता था अतीक?
पुलिस ने अतीक से ये भी पूछा था कि तुम लोग हथियार कहां से लाते हो? अतीक ने बताया था कि मेरे पास हथियार की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे संबंध पाकिस्तान एजेंसी आईएसआई से है। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं जिनको लोकल कनेक्शन इकट्ठा कर लेता है। उन्हें खेतों से जम्मू-कश्मीर के दशरथगढ़ को भी हथियार मिलते हैं। अतीक ने बताया था कि उसके पास 45 बोर की पिस्तौल, एक-47, स्टेन गन, 30 9mm की पिस्टल, 2 चीनी पिस्टल, 5 दो नाली बंदूक और 6, 315 बोर की राइफल थी। इसके अलावा उसके पास सैकड़ों की तादाद में तमंचे के साथ ही हैंड ग्रेनेड और पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कारतूस भी थे।
कैसे हुई उमेश पाल की हत्या?
अतीक द्वारा दिए गए कबूलनामे के अनुसार, उमेश पाल ने अपहरण केस में अतीक व उसके भाई के खिलाफ बयान दे दिया था। इसके बाद अशरफ, बहन आयशा नूरी, बहनोई अखलाक, शाइस्ता, अशरफ की पत्नी जैनब व अतीक के बच्चों ने कहा कि अगर उमेश पाल का कोई ठोस इंतजाम नहीं होगा तो उमेश पाल हम लोगों को बर्बाद कर देगा। उमेश पाल की हत्या के लिए अशरफ को छोटे, गुलाम को गुल्लू, असद को ठाकुर जैसे कोडनेम दिए गए थे। प्लानिंग थी कि अतीक का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, अरमान, अरबाज आदि के साथ रहेगा लेकिन वह उमेश पाल को गोली नहीं मारेगा। अगर शूटरों से काम नहीं हुआ तब असद आगे बढ़कर काम को पूरा करेगा। अतीक ने स्वीकार किया था कि उसने व उसके भाई अशरफ ने जेल में रहते हुए इस हत्या को अंजाम दिया था। अतीक ने कहा था कि असली गुनहगार हम दोनों भाई हैं।
असद था उत्तराधिकारी
अतीक ने पुलिस को बताया था कि उसके बेटे असद को अशरफ ने अपनी शागिर्दी में लिया था और इतना साहसिक बना दिया था कि वह कत्ल जैसी घटना को आसानी से अंजाम दे सकता था। अशरफ कहता था कि हम लोगों के बाद गैंग की कमान असद संभालेगा।
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