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चंडीगढ़: चंडीगढ़ के मेयर चुनाव की कहानी और वीडियो पूरे देश ने देखा था। इस चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने आठ मतपत्रों पर कलम चलाकर अवैध करार दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इस मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटर्निंग ऑफिसर को जमकर लताड़ लगाई थी। इसके साथ ही अवैध करार दिए गए मतों को वैध करार दिया था और आप-कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया था।
तीन पार्षद बीजेपी में हो गए थे शामिल
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पहले आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के तीन पार्षद पुनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद 04 मार्च को हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल कर ली थी। इस दौरान आप से गए तीनों पार्षदों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया था। वहीं अब इन तीन पार्षदों में से दो पार्षद पुनम देवी और नेहा मुसावत वापस आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई हैं।
पार्षदों के जाने से सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव पर पड़ा था असर
बता दें कि 04 मार्च को हुए चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में कुल 36 पार्षदों ने वोटिंग की। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कुलजीत सिंह संधु को 19 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस-AAP के उम्मीदवार को 16 वोट मिले। वहीं, चुनाव में 1 वोट अवैध करार दिया गया था। इसके साथ ही कुलजीत सिंह संधु चंडीगढ़ नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर बन गए थे। वहीं चंडीगढ़ नगर निगम में डिप्टी मेयर के पद पर भी भाजपा उम्मीदवार को जीत मिली थी। डिप्टी मेयर चुनाव में बीजेपी के राजेन्द्र शर्मा चुनाव जीते थे। उन्होंने इंडिया गठबंधन (कांग्रेस ) की उम्मीदवार निर्मला देवी को हराया था।
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