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मुंबई: शिवसेना उद्धव गुट को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। शिवसेना उद्धव गुट की महिला प्रमुख मीनाताई कांबली, सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गई हैं। एक तरफ आज उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे शहर में महिला शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पार्टी की महिला विंग में ही फूट डाल दी।
कौन हैं मीनाताई?
मीनाताई कांबली एक हार्डकौर शिवसैनिक हैं। बाला साहब ठाकरे ने जब शिवसेना की स्थापना की थी, उसके बाद से ही मीना कांबली शिवसेना से जुड़ीं। बाला साहब के आंदोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसलिए बाला साहब ने उन्हें वीरांगना यानीकि रनरागिनी की उपाधि दी।
मीनाताई ने महाराष्ट्र और मुंबई में महिला शिवसैनिकों का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था और बाल ठाकरे और उनकी पत्नी से मीनाताई के अच्छे संबंध थे। बाला साहेब की मौत के बाद उद्धव और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे से भी मीनाताई कांबली के अच्छे संबंध रहे।
सुषमा अंधारे के शिवसेना में शामिल होने से हुईं नाराज
उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन मीनाताई ही करती थीं, लेकिन जब सुषमा अंधारे शिवसेना में आईं, जो एक वक़्त शिवसेना और हिंदू विरोधी भूमिका में थी, तो उन्हें पार्टी में प्रवेश देने से मीनाताई और कई पुरानी शिवसैनिक महिला नाराज हुईं।
सुषमा अंधारे को उपनेता बनाया गया और पार्टी में उन्हें ज्यादा तवज्जो मिलने लगी। इसके बाद से मीनाताई नाराज हो गईं और आखिर में उन्होंने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना मानते हुए उनकी पार्टी में प्रवेश किया।
मीनाताई कांबली ने क्या कहा?
मीनाताई कांबली ने आज अपने सैकड़ों समर्थको के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना में प्रवेश किया। इस दौरान मीनाताई कांबली ने कहा कि उन्हें उद्धव ठाकरे की शिवसेना में वो सम्मान नहीं मिल रहा था,जो सम्मान उन्हें बालासाहेब ठाकरे के कार्यकाल में मिला करता था। इसी कारण उन्होंने एकनाथ शिंदे की शिवसेना ज्वाइन की।
मीनाताई कांबली के प्रवेश को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की विचारों वाली शिवसेना में मीनाताई कांबली का स्वागत है। उन्हें शिवसेना पार्टी में नेता का पद दिया जाता है। वो अब मुंबई और महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ें।
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