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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जहां मध्य प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज की थी, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। विधानसभा चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को आ गए थे और अब तक बीजेपी तीनों में से किसी भी राज्य के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है। तीनों ही सूबों से कई नाम निकलकर सामने आए हैं, हालांकि माना जा रहा है कि रविवार को सस्पेंस गायब हो जाएगा और मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा हो जाएगी।
राजनाथ, खट्टर, मुंडा को दी गई कमान
बीजेपी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को क्रमश: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। विधायक दल के नए नेता अपने राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक इस वीकेंड होने की संभावना है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक राजस्थान में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजनाथ सिंह के अलावा राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह में अच्छे संबंध माने जाते हैं।
राजनाथ क्यों चुने गए राजस्थान के पर्यवेक्षक?
BJP के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी 2 बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे के दावों को नजरअंदाज कर सकती है और उनकी जगह किसी नए चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकती है। वहीं, जानकारों का कहना है कि राजनाथ को राजस्थान का पर्यवेक्षक इसलिए बनाया गया है क्योंकि वसुंधरा की गिनती उनके करीबियों में होती है। BJP के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार राजनाथ से पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि वह उनकी पसंद के अनुरूप मुख्यमंत्री पद पर आम सहमति बनाने में मदद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई विधायकों को राजे का समर्थन करते हुए देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में भी नए चेहरे के साथ जाएगी BJP?
मनोहर लाल खट्टर के साथ पार्टी के OBC मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी मध्य प्रदेश की बैठक में शामिल होंगे, जबकि मुंडा के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और BJP महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे। मध्य प्रदेश में जहां BJP ने दो-तिहाई बहुमत के साथ बड़ी जीत हासिल की, वहां वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भी एक राय है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद 15 महीनों को छोड़ दें तो BJP 18 साल से राज्य की सत्ता में है, इसलिए पार्टी के भीतर राज्य में किसी नए चेहरे पर दांव लगाने का विचार है।
यह लगभग तय है कि रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की बागडोर नहीं दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ से छनकर आ रही है यह खबर
सूत्रों ने कहा कि BJP छत्तीसगढ़ में किसी OBC या आदिवासी नेता को बागडोर सौंपने पर विचार कर रही है। लता उसेंडी, गोमती साय और रेणुका सिंह जैसे अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेता शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से राजनेता बने ओपी चौधरी भी पिछड़ी जातियों से हैं। पार्टी ऐसे समय में कम से कम एक महिला मुख्यमंत्री को चुनना चाहेगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BJP के लिए महिला मतदाताओं के समर्थन पर लगातार बात कर रहे हैं और अक्सर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की आवश्यकता की बात करते रहे हैं। (भाषा)
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