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दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को बड़ी राहत दी है। सरकारी बंगले के लिए जारी विवाद के बीच हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्यसभा सचिवालय द्वारा सांसद राघव चड्ढा से उनका मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली कराए जाने पर लगी रोक हटा दी गई थी। इस आदेश के बाद सांसद राघव चड्ढा का रिएक्शन भी सामने आ गया है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताया है।
क्या है पूरा मामला?
सांसद राघव चड्ढा को पिछले साल टाइप-6 बंगला मिला था। सांसद के अनुरोध पर उन्हें बाद में टाइप-7 आवास आवंटित कर दिया गया। हालांकि, इस साल मार्च महीने में राज्यसभा सचिवालय द्वारा इस आवंटन को रद्द कर दिया गया था। इसके खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट गए थे। ट्रायल कोर्ट ने राघव से घर खाली कराए जाने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हालांकि, पटियाला हाउस कोर्ट ने 6 अक्टूबर को इस रोक को हटा लिया। इस फैसले के खिलाफ राघव ने हाई कोर्ट का रुख किया था।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी की पीठ ने पिछले सप्ताह इस मामले में सभी पक्षों की लंबी सुनवाई के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। चड्ढा के वकील ने कहा था कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वह मुखर विपक्षी सांसद हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि ट्रायल कोर्ट अंतरिम राहत के लिए चड्ढा के आवेदन पर फैसला नहीं कर लेता।
क्या बोले राघव?
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कोर्ट के फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताया है। उन्होंने लिखा- “ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है। अंतत: सत्य और न्याय की जीत हुई।” राघव ने उन्हें उनके आधिकारिक आवास से बेदखल करने के आदेश को रद्द करने के आदेश को रद्द करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
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