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उत्तरकाशी के सिलिक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का इंतजार कुछ और बढ़ गया है। आज रात भी उन्हें सुरंग में गुजारनी होगी। दरअसल,ड्रिलिंग मशीन का प्लेटफॉर्म हिल गया था और वह अस्थिर हो गया जिसके चलते ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा। अब एक बार फिर बेस को मजबूत किया जा रहा है। अभी तक 48 मीटर पाइप डाला गया है।
10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी
ड्रिलिंग मशीन के प्लेटफॉर्म के बेस को दुरुस्त करने के बाद कल ही अब श्रमिकों के सुरंग से बाहर निकलने की संभावना है। अभी करीब 10 मीटर की ड्रिलिंग और बाकी है जिसके बाद सुरंग से श्रमिकों के बाहर निकलने का रास्ता बनाया जा सकेगा।
स्ट्रेचर के जरिये श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा
एक बार ड्रिलिंग पूरी होने जाने के बाद एनडीआरएफ के कर्मी पाइप के माध्यम से अंदर जाएंगे और जब वे श्रमिकों तक पहुंच जाएंगे, तो वे अपने उपकरणों का इस्तेमाल करके उन्हें एक-एक करके सुरंग से बाहर भेजना शुरू करेंगे। एनडीआरएफ के कर्मी रस्सी से बंधे पहिये वाले स्ट्रेचर के जरिये श्रमिकों को बाहर निकालेंगे।
12 नवंबर से सुरंग में फंसे हैं 41 श्रमिक
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और पिछले 11 दिन से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को‘ड्रिलिंग’ के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद बृहस्पतिवार की सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। शाम तक एक बार फिर ड्रिलिंग में बाधा आ गई। अब सारी उम्मीद कल पर टिकी है।
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