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नई दिल्ली: किसान एक बड़े आंदोलन की तैयारी में राशन और ईंधन के साथ पंजाब से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली बॉर्डर पर सीमाएं सील कर दी गई हैं फिर भी किसानों का कहना है कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वे अपने कदम वापस नहीं लेनेवाले हैं।
किसान अपने साथ 6 महीने के राशन के साथ ही पर्यप्त मात्रा में ईंधन भी लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि एमएसपी समेत उनकी कई मांगो को लेकर यह आंदोलन 2020 के विरोध प्रदर्शन का अगला कदम है। किसानों का कहना है कि उनके धैर्य की परीक्षा ली जा रही है और वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
किसानों की मांगें
- MSP की कानूनी गारंटी
- पेंशन सुविधा और फसल बीमा
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो
- किसानों का लोन फौरन माफ हो
- बिजली अधिनियम2020 रद्द हो
- 2020 में प्रदर्शन के दौरान दर्ज केस हटे
- लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों को इंसाफ
वहीं खुफिया विभाग की मानें तो इस बार किसानों के टारगेट पर प्रधानमंत्री और गृह का आवास है। किसान इन दोनों शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के आवास का घेराव करना चाहते हैं। खुफिया विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक किसानों के पास पुलिस की बैरिकेडिंग से निपटने की भी योजना है। जानकारी के मुताबिक बॉर्डर के आसपास के रिमोट एरिया और जिन रास्तों से वाहन नहीं जा सकते, वहां से पैदल ही किसानों का जत्था दिल्ली में घुसने का प्रयास करेगा।
ऐसी जानकारी मिली है कि 1500 ट्रैक्टर और 500 से ज्यादा वाहनों के साथ पंजाब से किसानों ने दिल्ली कूच किया है। किसान दिल्ली में शम्भू बॉर्डर (अंबाला), खनोरी (जींद) और डबवाली (सिरसा) की तरफ से दिल्ली तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। इस बीच शंभू बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे किसानों का पुलिस से सामना भी हो रहा है। यहां किसानों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।
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