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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरपी इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान प्रीतिमय चक्रवर्ती के रूप में हुई है, जिसे सोमवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया। उसे छह सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
ईडी ने आरपी इंफोसिस्टम्स लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष इकाई बीएसएफसी की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की थी। सीबीआई ने इस मामले में दो आरोप पत्र भी दायर किए हैं।
ईडी की जांच में पता चला है कि आरपी इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के फर्जी शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक संघ से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया। बाद में कंपनी ने बैंकों के संघ का बकाया नहीं चुकाया। इस तरह आरपी इंफोसिस्टम्स ने बैंकों को 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
ईडी के मुताबिक, क्रेडिट सुविधाओं के खिलाफ आरपी इंफोसिस्टम्स ने विभिन्न शेल कंपनियों के पक्ष में कई आईएलसी खोले। इसके बाद, उक्त फर्मों ने बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन के फर्जी टैक्स इनवॉइस, चालान, लॉरी रसीद आदि के आधार पर अपने खातों में आईएलसी की छूट दी।
ईडी ने इस मामले में पहले ही सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने 2018 में एक आरोपपत्र दाखिल करने के अलावा 22.67 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करते हुए कुर्की आदेश भी जारी किया था।
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