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वेंकटेश प्रसाद
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने रविवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर ऐसी बात लिख दी, जिस पर काफी बात हो रही है। उनका पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। वह अपने फैंस के लिए सवाल-जवाब का एक सत्र कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर का जिक्र कर दिया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। जब उनसे 2024 की भविष्यवाणी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का संदर्भ दिया। जब एक फॉलोअर ने उनसे पूछा कि उन्हें क्या लगता है कि 2024 में क्या होगा तो उन्होंने लिखा- ‘ मंदिर वहीं बनने वाला है।’ यह 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह का संदर्भ था।
अयोध्या में 22 जनवरी के दिन प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह रखा गया है। भारतीय राजनीति और मीडिया में लगातार राम मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है।
Mandir wahin banne waala hai. https://t.co/Yg3mgddSTn
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) December 31, 2023
इससे पहले प्रसाद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रोहित शर्मा की अगुवाई में 2023 विश्व कप में टीम इंडिया से जुड़ी खट्टी-मीठी यादों पर बात की। प्रसाद ने बताया कि कैसे विश्व कप के दौरान घरेलू धरती पर भारत अन्य टीमों पर हावी रहा, लेकिन फाइनल में हार गया और ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बना। प्रसाद ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी कंगारुओं से भारत की हार पर भी अफसोस जताया।
एक दशक से अधिक समय हो गया है जब भारत ने आखिरी बार आईसीसी ट्रॉफी जीती थी, और एक फैन ने प्रसाद से पूछा कि क्या भारतीय टीम “विश्व क्रिकेट की नई चोकर्स” है।
ऑस्ट्रेलिया में भारत की दो टेस्ट सीरीज जीत पर प्रकाश डालते हुए, प्रसाद ने टीम को “चोकर्स” टैग देने से इनकार कर दिया। हालांकि, भारत का आईसीसी खिताब का सूखा एक साल और बढ़ने पर प्रसाद ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में कुछ गड़बड़ है।
एक फैन ने प्रसाद से पूछा, “सर क्या आप भी सोचते हैं कि टीम इंडिया विश्व क्रिकेट की नई चोकर्स बन गई है? क्योंकि हम पिछले 10 वर्षों में लगातार 10वीं बार आईसीसी टूर्नामेंट में नॉकआउट मैच हारे हैं।”
प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा, “चोकर्स नहीं, हमने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट सीरीज जीती हैं, आखिरी सीरीज 2020-21 में 36 रन पर आउट होने के बाद जीती थी। मैं इसे भारत के महानतम जीत में से एक मानता हूं, क्योंकि आधे से अधिक पहली पसंद के खिलाड़ी उस सीरीज से गायब थे। लेकिन 11 वर्षों में कोई भी बड़ा टूर्नामेंट न जीत पाना यह दर्शाता है कि निश्चित रूप से कुछ गलत है।”
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