[ad_1]
प्रतीकात्मक तस्वीर
मेडिकल परीक्षा कराने वाली संस्था (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज) के पूर्व प्रमुख डॉ. बिपिन बत्रा के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। यह मामला 50 करोड़ रुपये के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के तहत दर्ज किया गया है। आरोप है कि डॉ. बत्रा को साल 2003 में अवैध रूप से सहायक परीक्षा नियंत्रक के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि वो इस पद के लिए अयोग्य थे। लेकिन साल 2010 में वो कार्यकारी निदेशक के पद तक पहुंच गए। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने डॉ. बत्रा के ठिकानों पर छापेमारी की।
डॉ. बत्रा की सेवाएं समाप्त
बता दें कि डॉ. बत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले सीबीआई ने उनके कई स्थानों पर तलाशी ली है। बता दें कि साल 2017 में डॉ. बत्रा को अनियमितताओं के आरोप में एनबीईएमएस के कार्यकारी निदेशक के पद से हटा दिया गया था। एनबीईएमएस केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। उन्हें हटाए जाने के बाद इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे। बता दें कि अगस्त 2018 में डॉ. बत्रा की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। बता दें कि इस मामले में एनबीईएमएस द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी और पिछले महीने ही जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी गई।
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक सात साल की छोटी अवधि के दौरान डॉ. बत्रा अवैध रूप से एनबीईएमएस के शीर्ष पद पर पहुंचने में कामयाब रहे। वो अयोग्य होने के बावजूद संगठन के कामकाज को नियंत्रित कर रहे थे। एफआईआर में शिकायत का हवाला देते हुए कहा गया है कि एनबीईएमएस के रिकॉर्ड का एक बड़ा हिस्सा गायब है और उसे स्पष्ट रूप से हटा दिया गया है। इस कारण सीबीआई ने सबूतों को गायब करने या नष्ट करने की धाराएं भी इस मामले में लगाई है। जांच रिपोर्ट जो सीबीआई के एफआईआर का हिस्सा है, उसके मुताबिक 15 में से 10 आरोप उनपर साबित हो चुके हैं। वहीं 3 आरोप आंशिक रूप से साबित हुए हैं।
Latest India News
[ad_2]
Add Comment