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राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार।
– फोटो : PTI
विस्तार
महाराष्ट्र के मुख्य राजनीतिक दलों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का भविष्य फिलहाल अधर में दिख रहा है। राकांपा के कुछ विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हुए अजित पवार आज महाराष्ट्र में नए राकांपा दफ्तर का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में पार्टी में टूट की चर्चाएं तेज हैं। इस बीच राकांपा के बड़े नेताओं में शुमार प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि 2022 में पार्टी के 53 में से 51 विधायकों ने शरद पवार से मांग की थी कि वे महाराष्ट्र की शिंदे सरकार के साथ जुड़ने की संभावनाओं को तलाशें।
एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पटेल ने कहा कि अगर एनसीपी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चला ली तो भाजपा के साथ क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले साल भाजपा के साथ गठबंधन पर राकांपा में कुछ आंतरिक चर्चाएं हुई थीं। विधायकों में भी इसे लेकर बातचीत हुई। लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं किया जा सका। लेकिन अब इसे आकार दिया गया है। ये फैसला (एनडीए के साथ जाने का) मेरा या अजित पवार का अकेले का नहीं, बल्कि पूरी राकांपा द्वारा लिया गया है।
प्रफुल्ल पटेल ने यह भी दावा किया कि जिन 51 विधायकों ने शरद पवार से एनडीए में जाने की संभावनाओं को तलाशने का आग्रह किया था, उनमें जयंत पाटिल भी शामिल थे। सिर्फ अनिल देशमुख और नवाब मलिक इस बैठक में मौजूद नहीं थे। एनसीपी के मंत्रियों ने भी शरद पवार को चिट्ठी लिखी थी और मांग की थी कि पार्टी को सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहिए। शिंदे सरकार के साथ जाने की संभावना तलाशने में भी कोई नुकसान नहीं है।
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