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पाकिस्तान चुनाव आयोग
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने देश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व सीनेटर अनवारुल हक काकर के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। आयोग ने अंतरिम सरकार से कानून के अनुसार चुनाव कराने में सहायता करने को कहा है।
गौरतलब है कि पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और देश की सभी चार प्रांतीय विधानसभाएं भंग हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिसूचना में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 218 (3) के तहत चुनाव कराने का संवैधानिक कर्तव्य सौंपा गया है। ईमानदारी से, न्यायसंगत, निष्पक्ष और कानून के अनुसार चुनाव आयोजित करने के लिए जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि यह जरूरी है कि आम चुनाव के सुचारू संचालन के लिए निर्वाचन आयोग संविधान और संबंधितत कानून के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए। अधिसूचना में पारदर्शी चुनाव और सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और प्रांतों में अंतरिम व्यवस्था के लिए दिशानिर्देशों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरित पर रोक
इसके अलावा, पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने अंतरिम सरकारों से चुनाव कानून की धारा 230 की सभी अधिसूचनाओं, निर्देशों और प्रावधानों का पालन करने के लिए भी कहा है, जो कार्यवाहक सरकार के कार्यों से संबंधित है। आयोग ने अंतरिम सरकारों को यह भी निर्देश दिया कि अधिसूचना के जारी होने के बाद आयोग की लिखित पूर्वानुमति के बिना किसी भी सरकारी अधिकारी को पदस्थापित या स्थानांतरित न किया जाए।
इसके अलावा अधिसूचना में कहा गया है कि ईसीपी की पूर्व मंजूरी और संघीय व प्रांतीय लोक सेवा आयोगों द्वारा की जाने वाली भर्तियों को छोड़कर यह सुनिश्चित करें कि संघीय, प्रांतीय और स्थानीय सरकार के तहत किसी भी मंत्रालय, प्रभाग, विभाग या संस्थान में सभी प्रकार की भर्तियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया जाए।
नेताओं और अधिकारियों को सरकारी घर खाली करने का निर्देश
साथ ही निर्वाचन आयोग ने सरकारी आवास रखने वाले सभी नेताओं और अधिकारियों को अपने घर खाली करने का निर्देश दिया और राजनीतिक आधार पर नियुक्त सभी संस्थानों के प्रमुखों की सेवाओं को तत्काल खत्म करने को कहा है। गणमान्य व्यक्तियों को उनके पद के अनुसार सुरक्षा प्रदान की जाएगी और सुरक्षा या प्रोटोकॉल की किसी भी अतिरिक्त तैनाती को उनसे वापस ले लिया जाएगा।
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