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हमास के खिलाफ चल रही जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल पहुंचे और तेल अवीव पहुंचते ही बाइडेन ने गाजा के अस्पताल पर हुई बमबारी में इजरायल को क्लीन चिट दे दी। बाइडेन ने कहा, वो जानते हैं ये हमला इजरायल ने नहीं किया, ये दूसरे लोगों का काम है। बाइडेन ने हमास को ISIS से भी ज्यादा खतरनाक आंतकवादी संगठन बताया और कहा कि पूरी दुनिया में किसी को इस बात पर शक नहीं होना चाहिए कि अमेरिका पूरी ताकत के साथ इजरायल के साथ खड़ा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी गुरुवार को इजरायल पहुंचे और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से बातचीत की। नेतान्याहू ने अस्पताल पर हुए हमले को हमास की करतूत बताया। वहीं हमास का आरोप है कि इजरायल ने अस्पताल पर हमला कर बेगुनाह फिलस्तीनियों को मारा। मंगलवार की शाम को अस-अहली अस्पताल पर विस्फोट हुआ। उस समय तकरीबन 1,000 बेघर लोग अस्पताल के बाहर शरण लिए हुए थे, और असपताल भवन के अंदर करीब 600 मरीज़ और स्टाफ थे। हमास ने इल्जाम लगाया कि ये हमला इजरायल ने किया है। हमास ने तेजी से इस खबर को फैलाया। हालांकि हमास ने हमले में इजरायल का हाथ होने का कोई सबूत नहीं दिया, कुछ ही देर बाद दुनिया भर में मुस्लिम संगठनों ने इजरायल के खिलाफ सड़क पर प्रोटेस्ट शुरू कर दिया। इस्लामिक मुल्कों में तो पूरी रात प्रदर्शन हुए।
ईरान ने कह दिया कि अब सब्र का प्याला भर गया, अस्पताल पर हमला अमेरिका और इजरायल की मिलीभगत का नतीजा है, बेगुनाह फिलस्तीनियों पर और जुल्म सहन नहीं किया जाएगा। लेबनान की तरफ से हिजबुल्ला ने इजरायल की तरफ रॉकेट अटैक शुरू कर दिए। जॉर्डन के शाह और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच होने वाली मीटिंग को रद्द कर दिया गया। ईरान ने तेल निर्यातक संगठन से कहा कि वह इजरायल को तेल की सप्लाई बंद कर दे, अस्पताल पर हमले को मुसलमानों का कत्लेआम बताया गया। चूंकि अस्पताल पर हुए हमले में मरीजों और पैरामैडिकल स्टाफ के साथ साथ बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की भी मौत हुई जो ये सोच कर शरण लिए हुए थे कि अस्पताल पर हमला नहीं होगा लेकिन अंधेरा होते ही धमाका हुआ। तेल अवीव में बाइडेन ने साफ कहा कि अस्पताल पर हमले में इजरायल का कोई रोल नहीं हैं। बाइडेन ने नेतान्याहू से कहा कि मुझे मालूम है, हमला आपने नहीं किया, ये किसी दूसरे का काम है। बाइडेन ने कहा कि अब तक जो फैक्ट्स सामने आए हैं और अमेरिका ने अपने स्तर पर जो जांच कराई है, उससे ये साफ है कि अस्पताल पर हमला इजरायल ने नहीं बल्कि दूसरी टीम ने किया।।बाइडेन ने हमास का नाम नहीं लिया लेकिन दूसरी टीम से उनका मतलब यही था। बाइडेन ने कहा कि हमास अब ISIS की तरह हैवान हो चुका है और कुछ मामलों में तो हमास की दरिंदगी ISIS से भी ज्यादा है।
बाइडेन ने इजरायल को क्लीन चिट सिर्फ इसलिए नहीं दी क्योंकि अमेरिका इजरायल का पार्टनर है। गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में करीब 500 लोगों की मौत हो गई और मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। हमले का आरोप इजरायल पर लगाया गया और ये खबर तुरंत पूरी दुनिया में फैल गई। इस हमले के लिए सबने इजरायल को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। अखबारों में ये हेडलाइन बन गई। पूरी दुनिया में रोते बिलखते घायल बच्चों की तस्वीरें और वीडियो सर्कुलेट होने लगे। घायलों को लेकर भागते हुए लोग दिखने लगे। अस्पताल के मलबे में दबे लोगों को बचाने की कोशिशों के वीडियो आए। इन तस्वीरों से पूरी दुनिया में इजरायल के खिलाफ नाराजगी बढ़ी। चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति को इजरायल आना था इसलिए उनकी यात्रा से ठीक पहले एक अस्पताल पर हमले में 500 नागरिकों की मौत के बाद अमेरिका भी डिफेंसिंव में आ गया। चूंकि 500 बेगुनाहों की मौत का इल्जाम इजरायल पर था, इसलिए इजरायली एजेंसीज भी सक्रिय हुईं। और कुछ घंटों के बाद इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने अपने बेगुनाही के सबूत पेश कर दिए। इजरायली सेना की तरफ से इस हमले को लेकर एक वीडियो जारी किया गया। इस वीडियो के जरिए ये साबित करने की कोशिश की गई है, धमाका गाजा में ही हॉस्पिटल से कुछ दूरी से दागे गए रॉकेट्स का नतीजा था। इजरायल का दावा ये है कि ये रॉकेट गाजा में सक्रिय फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद नाम के आतंकी संगठन ने फायर किए थे, रॉकेट इजरायल की तरफ दागे गए थे लेकिन मिसफायर होने की वजह से ये रॉकेट अस्पताल से टकरा गए।
इजरायली सेना ने एक ग्राफिक एनिमेशन वीडियो जारी कर ये भी बताया कि आतंकी संगठन फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद ने रॉकेट कहां से दागे। उनकी ट्रैजेक्ट्री क्या थी। रॉकेट किस तरह मिसफायर हुआ और इसकी वजह से अस्पताल के पार्किंग एरिया में धमाका कैसे हुआ। एक दूसरे सबूत में बताया गया कि इजरायली रेडार्स ने उस वक्त के मूवमेंट्स को ट्रैक किया। जिस दौरान अस्पताल में धमाका हुआ और जब आतंकियों के तरफ से गाज़ा से रॉकेट दागे गए, रॉकेटों की ट्रैजेक्टरी की स्टडी करने के बाद पाया गया कि ये रॉकेट अस्पताल से कुछ दूरी पर एक स्थान से दागे गए। अब तक तो दुनिया सिर्फ हमास का नाम जानती थी लेकिन फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद नाम का आतंकवादी संगठन भी गाजा में पचास साल से सक्रिय है। ये संगठन गाजा में इस्लामिक कानून लागू करना चाहता है। इसे अमेरिका ने 1997 में ही आतंकी संगठनों की लिस्ट में डाल दिया था और इस पर पांबदी लगा दी थी। फिलीस्तीन इस्लामिक जिहाद हमास के साथ मिलकर इजरायल के खिलाफ हमलों को अंजाम देता रहा है। इजरायली सेना ने एक ऑडियो टेप सुनाया जिसमें हमास के आतंकियों की बातचीत सुनायी पड़ रही है। हमास का दावा है कि अस्पताल में हुए घमाके में पांच सौ लोगों की मौत हुई है लेकिन इजरायल का कहना है कि जिस अस्पताल पर हमले का आरोप लगाया जा रहा है, उसकी इमारत अभी भी है, उसकी दीवारें भी नहीं गिरी हैं। जिस जगह हमले की बात कही जा रही है, वहां न तो कोई गड्ढा हुआ, न ही स्ट्रक्चरल डैमेज हुआ। तो सवाल ये है कि पांच सौ लोगों की मौत कैसे हो सकती है।
इजरायल की इस बात में दम नजर आता है क्योंकि धमाके की जगह की जो एक तस्वीर आई है, उनमें इतनी बड़ी तबाही के निशान नजर नहीं आ रहे हैं। हॉस्पिटल की पार्किंग में धमाके की बात सामने आई है। यहां पर खड़ी कुछ कारें तो पूरी तरह डैमेज हो चुकी हैं जबकि कुछ कारें आंशिक रूप से जली हैं। लेकिन पार्किंग एरिया में जो टाइल्स बिछाई गई हैं, वो सही सलामत हैं, किसी तरह का कोई गड्ढा नहीं दिख रहा है। इसीलिए इजरायल ने एयरस्ट्राइक की बात को गलत बताया है। अमेरिकी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट और इजरायल की तरफ से पेश सबूतों को देखने के बाद ही बाइडेन ने इजरायल को क्लीन चिट दे दी। बाइडेन ने कहा कि वो खुद इन हालात में इजरायल इसलिए आए हैं जिससे दुनिया को संदेश जाए कि अमेरिक इजरायल के साथ डटकर खड़ा है। फिलिस्तीन के अस्पताल पर जो हमला हुआ वो वाकई में दुखदायी है। इजरायल और आतंकवादी हमास के झगड़े के बीच अगर आम लोग मारे जाते हैं, तो इसे माफ नहीं किया जाना चाहिए। फिलिस्तीन के अस्पताल पर जो हमला हुआ, उसका जिम्मेदार कौन है, इसको लेकर इजरायल और हमास के अपने अपने दावे हैं। दोनों एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं। इजरायल ने सबूत दिए हैं कि ये विस्फोट हमास का रॉकेट मिसफायर होने से हुआ। हमास ने इजरायल के हमले का कोई प्रूफ नहीं दिया।
हमास ने बार बार 500 बेगुनाहों की मौत की बात की लेकिन इजरायल के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि विस्फोट अस्पताल के पार्किंग एरिया में हुआ और अस्पताल की दीवारें इंटैक्ट रहीं। क्या वाकई में 500 लोग मारे गए? एक बड़ा सवाल हॉस्पिटल पर इजरायल के हमले के दावे की टाइमिंग को लेकर है। ये ब्लास्ट ऐसे वक्त हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति इजरायल के दौरे पर पहुंचने वाले थे। इसके बाद बायडेन को जॉर्डन जाना था जहां वो जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन के राष्ट्राध्यक्षों के साथ एक शिखर बैठक करने वाले थे। इस शिखर बैठक के बाद हमास की पोजिशन बहुत कमजोर हो जाती। इसीलिए कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या अस्पताल में रॉकेट से हमला इस शिखर बैठक को फेल करवाने के लिए किया गया। क्योंकि इस खबर के बाद जॉर्डन ने शिखर बैठक को रद्द कर दिया। जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए। हमास और उसके समर्थकों ने इस संघर्ष को मुसलमानों के संघर्ष का नाम दे दिया और पूरी दुनिया में मुसलमानों से इजरायल के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए कहा। इसका असर दिखाई भी दिया। इस्लामिक देशों में बड़ी संख्या में प्रोटेस्ट हुए। अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड्स जैसे देशों में भी मुसलमान सड़कों पर उतरे। नोट करने की बात ये भी है कि जो जॉर्डन और मिस्र फिलिस्तीन के साथ हमदर्दी दिखा रहे हैं जो मुल्क फिलिस्तीन पर होने वाले जुल्म की बात कर रहे हैं वही फिलिस्तीन के लोगों को अपने यहां शरण देने के लिए तैयार नहीं हैं। मिस्र ने तो अपनी सीमा सील कर दी है। सिर्फ रफाह क्रासिंग को मानवीय सहायता गाज़ा तक पहुंचाने के लिए खोला है। सब अपने आपको बचाने में लगे हैं इसीलिए ये मामला इतना उलझ गया है और इसका असर पूरी दुनिया में दिखाई दे रहा है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 अक्टूबर, 2023 का पूरा एपिसोड
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