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RN Ravi
– फोटो : Social Media
विस्तार
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में बंद मंत्री सेंथिल बालाजी को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का आदेश दे दिया था, हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दखल के बाद उन्होंने फैसले को कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया। लेकिन इस कार्रवाई के बाद राज्यपाल डीएमके समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक ने शुक्रवार को दृढ़ता से कहा कि मंत्रियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी मुख्यमंत्री का एकमात्र विशेषाधिकार है। वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी ने राज्यपाल आरएन रवि के एक कैबिनेट मंत्री को बर्खास्त करने के कदम को तानाशाही बताया।
तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने कहा कि सीएम स्टालिन इस मामले पर राज्यपाल को एक विस्तृत पत्र लिखेंगे। पार्टी राज्यपाल की कार्रवाई से संबंधित सभी विकल्पों और कानूनी कारकों पर विचार कर सकती है। थेनारासु ने कहा कि राज्यपाल को बालाजी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है और इस मुद्दे का कानूनी रूप से सामना किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों को नियुक्त करना और बर्खास्त करना सीएम का एकमात्र विशेषाधिकार है। यह सीएम ने राज्यपाल को स्पष्ट कर दिया है और उनकी कार्रवाई वैध नहीं है। थेनारासु ने कहा कि राज्यपाल को निर्णय लेने से पहले अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए था, उन्होंने इस मामले में जल्दबाजी की।
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