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GAZA
– फोटो : AFP
विस्तार
इस्राइल की तरफ से आतंकी संगठन हमास के खात्मे के लिए उठाए गए कठोर कदमों से गाजा के नागरिकों के साथ-साथ अस्पतालों के सामने भी ईंधन व अन्य आपूर्तियों का संकट पैदा हो गया है। घायलों व अन्य मरीजों से अटे पड़े गाजा के अस्पतालों ने रविवार को चेताया है कि अगर ईंधन व अन्य आपूर्तियां खत्म हो गईं, तो हजारों लोग बेमौत मारे जा सकते हैं।
हमास के हमले के बाद इस्राइल की तरफ से गाजा की बिजली, पानी व अन्य आपूर्तियां रोके जाने के कारण लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। इस बीच इस्राइल ने उत्तरी गाजा में रह रहे लोगों को दक्षिणी गाजा की तरफ जाने का आदेश दिया है, क्योंकि वह क्षेत्र में स्थित हमास के सभी ठिकानों को नष्ट करने की तैयारी में है। इस्राइल के इस फरमान के बाद 11 लाख लोगों को पलायन करना पड़ेगा। दूसरी तरफ हमास ने लोगों से क्षेत्र न छोड़ने का आह्वान किया है।
2,000 मरीजों व नवजातों के लिए मृत्युदंड की तरह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का आकलन है कि इस्राइल का यह फरमान उत्तरी गाजा के अस्पतालों में भर्ती कम से कम 2,000 मरीजों व नवजातों के लिए मृत्युदंड की तरह होगा। संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताते हुए कहा कि गाजा के अस्पतालों के पास जेनरेटर के ईंधन की किल्लत पैदा हो गई है। अनुमान है कि अस्पतालों के पास उपलब्ध ईंधन दो दिन में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। गाजा के अल-शिफा के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर खान यूनिस के नासिर अस्पताल की आईसीयू घायलों से अटी पड़ी है। सघन चिकित्सा भवन के कंसल्टेंट डॉ मोहम्मद कंदील के अनुसार, यहां जेनरेटर का ईंधन सोमवार को खत्म हो जाएगा। आईसीयू में 35 मरीज संघर्ष कर रहे हैं, जबकि 60 मरीज डायलिसिस पर हैं।
1973 के बाद सबसे भीषण युद्ध
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गाजा पट्टी में 2,670 और वेस्ट बैंक में 54 की मौत हुई है, जबकि 10 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। यह संख्या 2014 के गाजा युद्ध में मरने वालों से ज्यादा है, जो छह दिन से ज्यादा चला था। वहीं, हमास की तरफ से सात अक्तूबर को इस्राइल पर किए गए हमले में 1,300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। यह इस्राइल के लिए 1973 में मिस्र व सीरिया के साथ हुए युद्ध से भी भीषण लड़ाई साबित हो रही है।
बाइडन के नेतन्याहू को फोन के बाद गाजा में पानी की आपूर्ति बहाल
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बताया कि इस्राइल ने दक्षिणी गाजा में पानी की आपूर्ति फिर शुरू कर दी है। सुलिवन के मुताबिक, पानी की आपूर्ति बहाल करने का फैसला इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फोन पर बातचीत के बाद लिया गया। आठ दिन से गाजा में बिजली, पानी, खाद्य पदार्थों और दवाइयों की आपूर्ति बंद है। अब सिर्फ पानी दिए जाने पर फैसला किया गया है। इससे पहले बाइडन ने नेतन्याहू व फलस्तीनी प्राधिकरण के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास से फोन पर वार्ता की। उन्होंने दोनों नेताओं के साथ युद्ध न बढ़ने देने पर बल देते हुए मानवीय सहायता पर चर्चा की। व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन ने अब्बास से वार्ता में इस्राइल पर हमास के क्रूर हमलों की निंदा की। कहा, आतंकी समूह फलस्तीन के लोगों के सम्मान व आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए खड़ा नहीं है। अब्बास ने बाइडन को क्षेत्र में अपनी भागीदारी व फलस्तीनी लोगों, खासकर गाजा में तत्काल आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचाने के अपने प्रयासों के बारे में बताया।
सऊदी क्राउन प्रिंस से मिले ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। मुलाकात में इस्राइल पर हमास के हमले को लेकर चर्चा हुई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान आज
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से युद्ध से संबंधित मसौदा प्रस्ताव पर मतदान की मांग की है। प्रस्ताव में मानवीय युद्धविराम व नागरिकों के खिलाफ हिंसा की निंदा का आह्वान किया है। सोमवार को मतदान होगा।
हम टूटेंगे नहीं, हमास को खत्म करेंगे : नेतन्याहू
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने सोचा था कि हम टूट जाएंगे, लेकिन हम टूटेंगे नहीं। हमास को तोड़ देंगे। नेतन्याहू ने कहा कि हम एक टीम के रूप में एकजुट होकर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। हमारी एकता लोगों, दुश्मन और दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देती है। उन्होंने यह भी कहा कि अग्रिम मोर्चे पर डटे सैनिकों के साथ पूरा देश खड़ा है।
इस्राइल पर हमास और हिजबुल्ला ने रॉकेट व मिसाइलों से किए हमले
इस बीच, हमास की तरफ से कहा गया कि उसने लेबनान से दो इस्राइली बस्तियों पर 20 रॉकेट दागे। वहीं, हिजबुल्ला ने कहा कि उसने मिसाइलों से इस्राइल के हनीता में बैरकों को निशाना बनाया।
अमेरिका ने पूर्वी भूमध्य सागर में भेजा अपना दूसरा युद्धपोत
वहीं, अमेरिका ने इस्राइल के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाई तथा युद्ध के विस्तार को रोकने के लिए अपना दूसरा विमानवाहक युद्धपोत पूर्वी भूमध्य सागर की तरफ रवाना कर दिया है।
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