विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि भारत का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव वैश्विक स्तर पर पहले से काफी बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज कोई भी बड़ा मुद्दा ऐसा नहीं है, जिसका समाधान आज भारत के परामर्श के बगैर हो रहा हो। उन्होंने कहा कि दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदल चुका है। उन्होंने कहा कि ‘स्वतंत्र’ रहना भारत की नैसर्गिक स्थिति है। विदेश मंत्री के मुताबिक भारत किसी की सहायक कंपनी या उद्यम बनने के बजाय अलग-अलग देशों के साथ अपने हितों का प्रबंधन करने पर ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि आज कई देश भारत के प्रभाव और देश की बढ़ती ताकत को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रहा भारत अब पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द भारत तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगा। पहले दुनिया के कई बड़े फैसले भारत से राय-मशविरा किए बिना होते थे। उन्होंने कहा कि अब हालात के साथ-साथ दुनिया का नजरिया भी बदल चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अमृत काल’ विजन का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि 10 साल का यह कार्यकाल नींव के समान रहा है। अगले 25 साल में इमारत तैयार होगी। ब्रिक्स और क्वाड सरीखे वैश्विक संगठनों से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, परस्पर विरोधी हितों वाले देशों के शामिल होने के बावजूद भारत विचलित नहीं होता। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण हालात में भी भारत अपने हितों का बेहतर प्रबंधन कर रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा, भारत कम से कम 5000 साल पुरानी सभ्यता है। भौगोलिक नजरिए से देखें तो दुनिया के सबसे बड़े देशों में हमारी गिनती होती है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया भारत की तरफ रूख कर रही है। देश में प्रतिभा बढ़ रही है। इस कारण देश में अधिक निवेश भी आकर्षित हो रहा है। बकौल डॉ जयशंकर, ‘जिस देश में 10 साल पहले केवल 3-4 मेट्रो सिस्टम थे, आज लगभग 20 हैं। इस देश में पिछले 10 साल से हर दिन दो नए कॉलेज खुले हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की सदस्यता पर क्या बोले?
UNSC में भारत के लिए स्थायी सीट के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि हर गुजरते साल के साथ दुनिया को लगता है कि भारत को भी यूएनएससी का स्थायी सदस्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे विदेश मंत्री की हैसियत से दुनियाभर से मिल रहे इस समर्थन को महसूस कर सकते हैं।
#WATCH | External Affairs Minister Dr S Jaishankar at an event in Nagpur says, “…No major issue in the world is decided without some consultation with India. We have changed and the world’s view of us has changed…” pic.twitter.com/EaPpzV5D0a
— ANI (@ANI) January 13, 2024
भारत स्वतंत्र देश, कई बार लड़ना पड़ता है
नागपुर में सार्वजनिक चर्चा वाले मंच- टाउनहॉल मंथन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कई बार ऐसा होता है जब दुनिया आपको इतनी आसानी से कोई चीज नहीं देती है. कभी-कभी आपको इसके लिए लड़ना भी पड़ता है। भारत के क्वाड और ब्रिक्स जैसे विभिन्न समूहों का हिस्सा होने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, भारत स्वतंत्र देश है, इसलिए हमें यह सीखने की जरूरत है कि कैसे अलग-अलग लोगों के साथ अलग-अलग तरीके से अपने हितों का ध्यान रखा जाए।
क्या है QUAD और BRICS?
बता दें कि क्वाड चार देशों का समूह है। इसमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं। इसका मकसद नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था बनाना है। सभी देश स्वतंत्र और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विजन पर एकजुट हैं। इसके अलावा BRICS 10 देशों का समूह है। पहले इसमें केवल छह देश थे। इसी साल भारत के समर्थन से कई और देश जोड़े गए। BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका के अलावा इस साल से मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ाना है।
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