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रोहित शर्मा क्रिकेट के बाहर इतने रिलैक्स कैसे रहते हैं, मतलब रिलैक्स होने का रीजन नेचुरल है?
मुझे लगता है कि यह नेचुरल है क्योंकि रिलैक्स कैसे रहना है, उसकी आप प्रैक्टिस नहीं कर सकते. आपको क्या करना चाहिए, रिलैक्स रहने के लिए. योगा है लेकिन जो आपके अंदर इनबिल्ट है, वो इनबिल्ट है. वो आपका नेचर है. तो मैं जनरली यहां तक की घर में भी छोटा भी था तब भी, एकदम रिलैक्स्ड रहना मुझे पसंद रहता था. ज्यादा चीजों को कॉम्प्लिकेटेड करना और हड़बड़ी मचाना, वो मेरे में नहीं है, तो इसीलिए मेरे को स्कूल में भी लोग बोलते थे कि बहुत कैजुअल बांदा है. बैटिंग में भी मैंने जब स्टार्ट किया था, लोग बोलते थे, लेकिन ऐसा नहीं था. मैं रिलैक्स रहना पसंद करता हूं, शांति मेरे लिए सब कुछ है तो शांति से खेलो शांति से जिओ और शांति से दूसरों को दे दो तो ये इस चीज में मैं बिलीव करता हूं.
शादी के बाद कितना बदलाव आया और जब फादर आप बने, उसके बाद कितना बदलाव हुआ?
देखिए दो मोड थे, अलग-अलग मोड हैं. शादी के बाद का जो मेरी लाइफ थी. मैं बचपन से ही अपने मां-बाप के साथ नहीं रहता था, मैं अपने दादा जी के साथ रहता था और उसके बाद जब धीरे-धीरे खेलना शुरू किया, जैसे जैसे आगे बढ़ता गया तो अकेला रहना शुरू किया. मैं अकेला रहता था तो शादी के पहले तक अकेला रहना फिर शादी के बाद जब बीबी आई ऑब्वीजली कुछ चेंज लाइफ में होते हैं. बट आई थॉट वो मेरे लिए सही टाइम था और ज्यादा ठंडा हो गया हूं क्योंकि मेरे को डिसीजन लेने पढ़ते तो डिसीजन लेने के लिए मुझे दिमाग को ठंडा रखना बहुत जरूरी है. पहले अकेला था बिंदास इधर-उधर घूमता था. अभी यह नहीं की मजा नहीं आता है, मुझे लगता है कि मेरा जो नेचर है, ये मेरे नेचर को सूट करता है. ठंडा रहना रिलैक्स रहना तो शादी के बाद और जब बेटी हुई उसके बाद तो और भी मैं एकदम रिलैक्स हो गया हूं लेकिन मुझे मेरे दोस्त लोग बोलते हैं, ग्राउंड पर तो तुम रिलैक्स लगते नहीं हो, कुछ ना कुछ बोलते रहते हो. अभी काफी लड़के लोग नए हैं, जिनको बोलना पड़ता है तो अभी क्या कर सकते हो आप.
बिटिया क्रिकेट समझती है, देखती है. उसे पता है कि फादर इतने बड़े क्रिकेटर हैं?
नहीं, नहीं. उनको पता है कि मैं कुछ खेलता हूं, यहां वहां क्योंकि हर दूसरे दिन मैं घर से बाहर रहता हूं, वो मम्मी को पूछती है कि कहां जा रहें हैं, क्यों बार-बार मैं घर छोड़ के जा रहा हूं. मतलब अभी हमने तो कोशिश की अच्छी तरीके से समझा के, सब कुछ करने की लेकिन बच्ची है, बच्चों को कितना अभी आप समझाओ, जाहिर तौर से बेटी को मेरी याद आती है तो इसलिए बार-बार पूछती रहती है, मम्मी को लेकिन उसको पता है कि कुछ ना कुछ तो ये करते हैं बाहर जाकर और उनको मालूम है कि क्रिकेट गेम है, काफी लोग खेलने हैं उसको, इतना तो मालूम है, तो देखती है मैच घर में जब होते हैं. हमें डिसिप्लिन टाइमिंग रखना भी बहुत जरूरी है तो हमारे मैच जो काफी लेट खत्म होते हैं तो वो पूरा मैच तो नहीं देखती लेकिन वह 5-5 मिनट्स मैच देखती है.
वेस्टइंडीज में जहां इंडियन खाने की दिक्कत होती है, इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया को दिक्कत होती है. रोहित शर्मा का खाना मतलब जैसे कई लोग जैसे सोचते हैं कि यार ये लोग तो सुपरस्टार क्रिकेट हैं, फाइव स्टार में रहता है, पता नहीं क्या खाते होंगे या आम खाना सब जगह मिलता है और रोटी वगैरा सब्जी, वैसे ही जैसे आम इंडियन के घर में भी मिलता है?
[ans दाल चावल ही खाते हैं हम लोग, अभी दाल चावल सब जगह मिलता है, पेटेंट खाना, मेरा सबसे फेवरेट है दाल चावल, फेवरेट मतलब मैं कही पर भी कभी भी खा सकता हूं. मुझे पसंद है, भाई मैं बचपन में यही खाकर पला बढ़ा हूं, मैं रसम राइस भी खाता था. साउथ इंडियन घरों में हमारे रसमराइस भी बनता था, मेरे को बहुत पसंद है. चाहे आप दुनिया के कोई भी कोने में हो दाल तो आपको मिल ही जाता है. इंडियन रेस्टोरेंट्स अभी सब जगह खुले हुए हैं तो इसीलिए दाल चावल ही खाते हैं.
ओवरसीज में इंडियन फैमिलीज आप लोगों को खाना ऑफर करते हैं, जैसे पहले होता था, इंडियन फैमिलीज बुलाते थे. अब आप लोग जा पाते हैं या खाना वो भेजते हैं?
वैसे बाहर काफी लोग हैं जो हेल्प करते और मैं उनका बिल्कुल शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, क्योंकि कुछ लोगों के लिए असान नहीं होता बाहर का खाना एडजस्ट करना और वेजिटेरियन को तो खास करके क्योंकि डिफिकल्ट हो जाता है. अगर आप सिर्फ वेज खाते हो तो आपको उतने ऑप्शंस नहीं मिलते, आपको तो डिफिकल्ट हो जाता है जैसे मैंने बोला दाल चावल सब जगह मिलता है और सब लोग दाल चावल खाते हैं.
पिछले 1-2 साल में हमने देखा, आप लोग फैंस को लेकर काफी उदार रहते हो, खासकर विदेशों में जहां भीड़ नहीं रहती है, अलग-अलग ग्रुप के फैंस आते हैं, वेस्टइंडीज ने देखा, एक बड़े बुजुर्ग दंपत्ति आए थे, आपको आशीर्वाद दे रहे थे, कई बार बच्चे, इंडिया में उतना पॉसिबल नहीं हो पता है तो इसको कैसे बैलेंस करते हैं. फैंस के साथ मिलना, इसके बारे में बताएं?
देखिए, फैंस खेल के लिए काफी जरूरी हैं, उनकी वजह से खेल हमारे लिए बहुत दिलचस्प हो जाता है. वह हमें सपोर्ट करने आते हैं, उनके बिना कोई भी स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स जैसा नहीं रहेगा क्योंकि फैंस लोग बड़े-बड़े नंबर्स में आते हैं, मैच देखते हैं, तो जो भी होता है उनकी वजह से होता है, आप जानते हैं हम भी कोशिश करते हैं. टीम जहां पर भी कनेक्ट कर सकें, फैंस के साथ मिल सके तो हम कोशिश करते हैं उनको मिलने की.
क्रिकेट के बाहर हर इंडियन का एक शौक है-फिल्म और म्यूजिक. तो फिल्म पे आते हैं, कौन सी फिल्म? किस तरह की हिंदी फिल्म, इंग्लिश फिल्म में कौन सी फिल्म है जो पसंद है ?
सब कुछ डिपेंड करता है मूड के ऊपर, मैं कॉमेडी मूवी देखना पसंद करता हूं, जो भी कॉमेडी मूवी आई है और मेरे को ट्रू स्टोरी इसकी डॉक्युमेंट्री मूवीज, शो यह पसंद है, ट्रू स्टोरी जो भी होता है उसके ऊपर बनाया होता है तो मुझे वो काफी दिलचस लगती है.
और म्यूजिक गाने आप क्या सुनते हो?
अगेन मूड महोल क्या है, अभी क्या चल रहा है, कभी सॉफ्ट गाना सुन लिया, कभी थोड़ा सा हाइप कर दिया.
आप इतनी जगह गए हैं, दुनिया में हर जगह क्रिकेट खेले हैं. आपकी कोई पसंदीदा जगह कि मैं क्रिकेट छोडूं तो यहीं पर जाकर घूमने जाऊं ?
मुझे घूमना पसंद है लेकिन ऐसा कोई फेवरेट नहीं है कि मेरे को यहां जाके बस जाना है.
सवाल :अब तक जितनी जगह ट्रैवल की, उसमें सबसे बेस्ट जगह आपको लगी हो?
मेरे को लंदन बहुत पसंद है यार. मेरे को दुबई भी पसंद है क्योंकि बिल्कुल घर के बगल में और सब कुछ मिल जाता है वहां पर, मेरी बच्ची को भी पसंद है दुबई, उसको लंदन भी पसंद है तो प्लानिंग अभी सब कुछ ध्यान में रखते हुए करना पड़ता है.
कोई एक ऐसी कंट्री जहां पर आप गए नहीं, ऐसी जगह जहां क्रिकेट खेलने टीम इंडिया नहीं जाती है, वैसे जगह आप जाना चाहते हो?
Scandinavian कंट्री में जाना चाहता हूं, आई वुड से बकेट लिस्ट मुझे नॉर्दर्न लाइट्स देखना है तो होपफुली अगर मौका मिले कभी, क्योंकि उसका भी एक पीरियड होता है- अक्टूबर नवंबर के आसपास और वो हमारा पीक सीजन होता है, उस टाइम पे हम क्रिकेट खेलते ही रहते हैं हमेशा.
क्रिकेट के बाहर आपके स्पोर्टिंग हीरोज ?
देखिए, मेरे पिताजी मेरे सबसे बड़े हीरो है, यह मैं बहुत बार बोल चुका हूं क्योंकि काफी स्ट्रगल से उन्होंने हमें पाला पोसा, सब कुछ किया तो मेरे लिए तो सबसे बड़े मेरे हीरो वही हैं क्योंकि स्ट्रगल से जब आप ऊपर आते हो, उसका फल जो राहत है वो बहुत मीठा रहता है. हम तो छोटे थे यह स्ट्रगल मेरे पिताजी ने देखा है. हमने देखा है लेकिन ऐसे उससे नहीं देखा जो मेरे पिताजी, मेरी मम्मी ने देखा. आई थिंक मेरे लिए हीरो मेरे मम्मी डैडी हैं. ऑनेस्टली क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ सैक्रिफिस करके हमें पाल पोस कर बड़ा किया है.
अब जब पिताजी से मिलते हैं, तो उनके अंदर कोई सेंस ऑफ प्राइड होती है या एक नॉर्मल बेटे-पिता के रिलेशनशिप जैसा ही होता है?
हां, बिल्कुल, मेरे पिता को टेस्ट क्रिकेट बहुत पसंद है, टेस्ट क्रिकेट के अलावा उनको बाकी कोई फॉर्मेट में इंटरेस्ट नहीं है. क्योंकि मैं खेलता हूं तो वो देखते हैं लेकिन ऐसे कोई मतलब नहीं हैं उन्हें कि ठीक है यार डबल हंड्रेड किया तूने, ठीक है अच्छा अच्छा. लेकिन जब मैंने टेस्ट डेब्यू किया तो उन्होंने मुझे सुबह फोन किया, शाम को फोन किया. बड़े खुश थे पहले, जब उसी मैच में मैंने 100 किया तो उसके बाद उन्होंने मेरे साथ बात की काफी देर तक. मुझे लगता है उनके जमाने के जितने भी लोग हैं, वह टेस्ट क्रिकेट को वैल्यू करते हैं क्योंकि उन्होंने देखा है टेस्ट क्रिकेट कितना डिफिकल्ट होता था. जब इंडियन टीम जाती थी वेस्टइंडीज में, अभी हम रिसेंटली वेस्टइंडीज में थे, हमें काफी स्टोरी सुनने में मिलती है कि किस तरीके से इंडिया ने यहां पर आकर खेला, क्या-क्या चैलेंज थे, बॉलर्स लोग क्या करते थे. बिना हेलमेट के खेलना कितना मुश्किल था, यह मेरे पिताजी के जहन में है. इसलिए उनको टेस्ट क्रिकेट बहुत पसंद है और टेस्ट क्रिकेट में बिल्कुल ही एकदम दिलचस्पी रखते हैं, अभी भी इंडिया अगर नहीं भी खेल रही है तो कोई और खेल रहे हैं तो वो टीवी देखना पसंद करते हैं.
सवाल : रितिका के बारे में पूछा नहीं, ये स्टोरी सुनी थी कि आपने जिस तरह से उनको प्रपोज किया था, उन्हें ग्राउंड के बड़े में, उस स्टोरी के बारे में, शायद आपने कभी बात नहीं की है ?
जवाब : नहीं देखिए, वहां पर मैंने अपना क्रिकेट शुरू किया था. मैं लाइफ का सेकंड फेस भी वहीं पर शुरू करना चाहता था तो वहां पर वो सब हुआ. उसके बाद हमने 2015 में शादी की. उस दिन से लेकर अब तक उनका काफी सपोर्ट रहा है, सबको पता है कि वह आपके जीवन में क्या सपोर्ट करती है. आप इसके बारे में बता नहीं कर सकते की उनका आपके जीवन में कितना कंट्रीब्यूशन रहता है. छोटा-छोटा कंट्रीब्यूशन जो रहता है, घर में घर के बाहर, फिर जब मेरे साथ रहती है तब, यह आसान नहीं है, हमारा शेड्यूल ऐसा है की हम हमेशा घर के बाहर हैं और बच्ची घर में अकेली रहती है, टाइम देना उनको संभालना यह सब करना बहुत डिफिकल्ट होता है. आपको पिता की भी जरूरत रहती है, वह नहीं होने के बाद मैं सिर्फ सोच सकता हूं कि कितना मुश्किल होता होगा रितिका के लिए मैनेज करना, लेकिन उन्होंने कभी उसके बारे में बात नहीं की. कभी बोला भी नहीं की मुझे डिफिकल्टी हो रही है. चुपचाप उन्होंने अपना जो भी है वो अपने पास रखा क्योंकि वह मेरा सपना जीना चाहती हैं.
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Tags: India vs Australia, Rohit sharma, World cup 2023
FIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 11:40 IST
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